कोलोम्बोः सन्त पापा का चुनाव विश्व में आशा का संकेत, कहना श्री लंका के ईशशास्त्री
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कोलोम्बो, 13 मार्च सन् 2013 (एशिया न्यूज़): श्री लंका के काथलिक ईशशास्त्री एवं धर्मतत्व
विद्धान अन्तोन मीमाना ने एशियान्यूज़ से बातचीत में कहा कि काथलिक कलीसिया के परमाध्यक्ष
के चुनाव लिये वाटिकन में इस समय जारी कॉनक्लेव विश्व के लिये आशा का संकेत है। उन्होंने
कहा कि काथलिक कलीसिया के परमाध्यक्ष की प्रेरिताई की विशिष्टता अधिकार है और यह अधिकार
सेवा करने तथा प्रभु येसु मसीह का साक्ष्य प्रस्तुत करने का विशेषाधिकार है। डॉ. अन्तोन
मीमाना ने कहा, "विश्व व्यापी काथलिक कलीसिया के परमाध्यक्ष यानि कि सन्त पापा को ऐसा
व्यक्ति होना चाहिये जिसमें लोग प्रभु येसु ख्रीस्त को पहचान सकें। ऐसा व्यक्ति जो दैनिक
संघर्ष में ख्रीस्त का साक्षी बन सके। इस प्रकार, परमाध्यक्ष को यथार्थ अधिकार ख्रीस्त
से मिलता है; ख्रीस्त में तथा ख्रीस्त के द्वारा, ख्रीस्त की शक्ति स्वतः को यथार्थ अधिकार
रूप में प्रदर्शित करती है।" उन्होंने कहा, "धर्म के प्रति उदासीन वर्तमान विश्व
को आज एक ऐसे सन्त पापा की ज़रूरत है जो अपनी पवित्रता, अपनी अखण्डता तथा अपने वैयक्तिक
आचार व्यवहार द्वारा विश्व को प्रभावित कर सके। हृदयविहीन विश्व में नये सन्त पापा को
विश्व का हृदय तथा भटके हुए के लिये प्रकाश बनना होगा।" श्री अन्तोन मीमाना ने कहा
कि केवल एक पवित्र व्यक्ति ही पवित्र विश्व का निर्माण कर सकता है। एशिया के बारे
में उन्होंने कहा, "एशिया विश्व का सर्वाधिक विशाल महाद्वीप है और हमें यह नहीं भूलना
चाहिये कि प्रभु येसु मसीह ने भी एशिया में ही जन्म लिया था।" उन्होंने कहा कि पूंजीवाद,
साम्यवाद, उपभोक्तावाद अथवा सापेक्षवाद जैसी विचारधाराएँ विकाशील देशों में असफल रही
हैं तथा एशिया और विकासशील देशों में इनका कोई भविष्य नहीं है। आज प्रभु येसु ख्रीस्त
एवं उनके प्रेम सन्देश की नितान्त आवश्यकता है और इसके लिये ऐसे व्यक्ति की ज़रूरत है
जो येसु के विषय में समझदारी उत्पन्न कर सके।"