कॉनक्लेव के आरंभ में वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर में आयोजित यूखरिस्तीय बलिदान
में कार्डिनल सोदानो का प्रवचन
मित्रो हमको बतला दें की सम्मानीय पदमुक्त संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें के पदत्याग के
बाद कार्डिनलमंडल द्वारा घोषित बहुप्रीतिक्षित कॉनक्लेव 2013 अर्थात संत पापा चुनाव की
प्रक्रिया मंगलवार 12 मार्च को वाटिकन सिटी में आरंभ हो गयी है। काथलिक कलीसिया की परंपरा
के अनुसार संत पापा चुनाव के प्रथम दिन का आरंभ पवित्र यूखरिस्तीय बलिदान के द्वारा किया
और इस यूखरिस्तीय बलिदान के मुख्य अनुष्ठाता थे कार्डिनल मंडल के डीन कार्डिनल अन्जेलो
सोदानो। वाटिकन सिटी में अवस्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर में आयोजित यूखरिस्तीय बलिदान
में लोगों को संबोधित करते हुए 85 वर्षीय सोदानो अपने प्रवचन में कार्डिनल मंडली और
उपस्थित लोगों से कहा इतालवी भाषा में कहा मेरे अति प्रिय सहअनुष्ठाताओं, सम्मानित
अधिकारीगण,बहनों एवं भाइयो। येसु मसीह की पवित्र कलीसिया के इस ऐतिहासिक पल में संत
पेत्रुस की कब्र के पास पुनः हमने उस गीत को गया है जो कहता है "मैं आपकी दया का गुणगान
सदा करुँगा"। गीत के ये शब्द स्तोत्र 88 से लिये गये हैं जिसके द्वारा भजन गाने वाले
का मुख ईश्वर की महिमा गाता, उसे धन्यवाद देता और स्वर्गीय पिता से दया की याचना करता
है। लैटिन भाषा में इसे कहा जाता है "मिजेरिकोरदियोस दोमिनी इन अयेतेरनुम कन्ताबो" जिसका
भावार्थ है ‘ईश्वर सदा अपार स्नेह से अपनी कलीसिया की देखभाल करता, उसकी यात्रा में उसका
साथ देता और पवित्र आत्मा के द्वारा उसे नवजीवन प्रदान करता है’। दिल में इसी मनोभाव
को लेकर आज हम यहाँ आये हैं और अपने आपको ख्रीस्त के साथ स्वर्गीय पिता को चढ़ा रहे हैं।
हम उन सब वरदानों के लिये ईश्वर को धन्यवाद दे रहे हैं जिन्हें उन्होंने पवित्र कलीसिया
को प्रदान किया है। आज हम ईश्वर को विशेष रूप से धन्यवाद देते हैं जिन्होंने हमें 265वें
पोप संत पेत्रुस के उत्तराधिकारी पूजनीय संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें को दिया। आज हम
प्रार्थना करते हैं कि पिता ईश्वर हमें कार्डिनल पुरोहितों की मदद से पवित्र कलीसिया
के लिये एक भला चरवाहा प्रदान करें। ऐसे महत्वपूर्ण क्षण में येसु मसीह की प्रतिज्ञा
हमारे विश्वास को सुदृढ़ करती है। येसु ने पेत्रुस से कहा था, "तुम पेत्रुस हो और मैं
इसी पत्थर पर मैं अपनी कलीसिया बनाउँगा और नरक के दरवाज़े इसके सामने टिक नहीं पायेंगे
(संत मत्ती, 16,18) प्रिय भाइयो एवं बहनो, आज के प्रभु के दिव्य वचन हमें संत पेत्रुस
के उत्तराधिकारी के मिशन को समझने में मदद देती हैं जिसके द्वारा येसु ने कलीसिया की
ज़िम्मेदारी पेत्रुस के कंधों में सौंपी थी। पहले पाठ इसायस नबी से लिया गया है जो
‘सांत्वना की किताब’ के नाम से जाना जाता है। जब ईश्वरीय प्रजा बबिलोन निर्वासन में थी
तब उनके लिये भविष्यवाणी की गयी थी कि वे एक मसीहा भेजेंगे जो दया से पूर्व होंगे और
वे इस बात की घोषणा करेंगे, "प्रभु का आत्मा मुझपर छाया रहता है और उन्होंने मुझे ग़रीबो
को सुसमाचार सुनाने भेजा है। वे दिल के जख़्मों को भर देंगे बंदियों को मुक्ति का और
ईश्वर की असीम दया का वर्ष घोषित करेंगे। यह भविष्यवाणी येसु मसीह में पूरी हुई जिन्होंने
पिता ईश्वर के प्रेम को लोगों को प्रस्तुत किया। यह एक ऐसा विशेष प्रेम है जिसका हम अनुभव
करते हैं जब हम दुःखियों, गरीबों, कमजोरों और ज़रूरतमंदों के लिये कार्य करते हैं। बाईबल
की भाषा में इसे ‘दया’ या ‘करुणा’ या ‘प्रेम’ कहा जाता है। यह एक ऐसा मिशन है जिसे
कलीसिया के प्रत्येक पुरोहित और धर्माध्यक्ष को सौपा जाता है और विशेष रूप से इसे रोम
के धर्माध्यक्ष को दिया जाता है क्योंकि वे विश्वव्यापी कलीसिया के भी चरवाहे या परमधर्माध्यक्ष
हैं। येसु ने पेत्रुस को इसी मिशन को सौंपते हुए कहा था, "सिमोन योहन के पुत्र क्या तुम
मुझे इन सबसे अधिक प्यार करते हो ?... मेरे भेड़ों को चराओ।" यह वही प्रेम है जो कलीसिया
के धर्माध्यक्षों के मिशन का आधार है जिसके द्वारा वे दुनिया की सेवा करते हैं। इसी प्रेममय
मिशन को पूरा करने के लिये वे लोगों की मदद करते हैं और उन्हें सुसमाचार सुनाते ताकि
लोग ईश्वरीय कृपा को ग्रहण कर सकें। ससम्मान सेवानिवृत्त संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें
ने अपने चालीसाकालीन संदेश में कहा था "कई बार हम प्रेम शब्द को ‘सहायता’ या मात्र ‘मानवतावादी
मदद’ के रूप में समझते हैं। फिर भी इस बात को नहीं भूलना चाहिये कि सबसे बड़ा प्रेम है
- सुसमाचार का प्रचार करना अर्थात ‘शब्द सेवा’। ईश्वर के वचन को देने से बड़ा अपने पड़ोसी
के लिये और कोई मदद ही नहीं हो सकता। ईश्वर के साथ मानव का संबंध बढ़ाने से बड़ा मानव
का और कोई विकास ही नहीं हो सकता। ईश्वर के सेवक संत पापा पौल षष्टम् ने अपने दस्तावेज़
‘पोपुलोरुम प्रोग्रेसियो’ अर्थात् ‘मानव का विकास’ में लिखा कि मानव विकास के लिये येसु
मसीह का संदेश ही पहला और मुख्य सहयोगी है। कार्डिनल सोदानो ने जिस दूसरी बात पर बल
दिया वह है - एकता। उन्होंने कहा कि एफेसियों को लिखे पत्र में प्रेरित संत पौल ने जो
पत्र लिखा उसमें येसु और कलीसिया की एकता के रहस्य की बातें हैं। यह पत्र उसने सन् 62-63
ईस्वी में लिखा था। उन्होंने कहा था, "एक बंदी रूप में आपसे निवेदन करता हूँ कि आप पूर्णतः
नम्र बनें, धैर्यवान बनें और सप्रेम एक दूसरे को सहन करें तथा शांतिमय संबंध को एकता
के भाव से बनाये रखें।" संत पौल ने कलीसिया की एकता को समझाते हुए लिखा था कि वरदान
नाना प्रकार के होते हैं पर इन विभिन्नताओं का मिशन है येसु मसीह में हमारी एकता को मजबूत
करना। उन्होंने कहा था कि येसु मसीह ने ही प्रेरितो, नबियों, सुसमाचार प्रचारकों, धर्माध्यक्षों,
शिक्षकों को विभिन्न वरदान दिये ताकि वे लोगों की सेवा करें और येसु मसीह की कलीसिया
को मजबूत करें। संत पौल ने कहा था कि प्रत्येक व्यक्ति संत पेत्रुस के उत्तराधिकारी
के साथ सहयोग करे क्योंकि यही कलीसियाई एकता की दृश्यमान नींव है। कार्डिनल सोदानो
ने प्रवचन के अंतिम भाग में संत पापा के मिशन के बारे में बतलाते हुए कहा कि अपनी अंतिम
व्यारी में येसु ने प्रेरितों से कहा था, "यह मेरी आज्ञा है तुम एक-दूसरे को वैसा ही
प्यार करो जैसा कि मैंने तुम्हें प्यार किया है।" इस वाक्य को हम पहले पाठ से जब जोड़
देते हैं तो यह हमें बतलाता है कि एक भले चरवाहे या धर्माध्यक्ष को क्या करना है। ईश्वर
चाहते हैं कि हम उनके लिये अपना जीवन समर्पित कर दें ठीक वैसा ही जैसा कि येसु ने किया।
येसु ने कहा अपने मित्र के लिये प्राण देने से बड़ा और कोई प्रेम नहीं। उन्होंने कहा,
प्रत्येक धर्माध्यक्ष में यही एक भाव होना चाहिये कि वह अपनी भेड़ों के लिये अपने प्राण
दे दे। संत पेत्रुस के उत्तराधिकारी संत पापा के लिये भी यही बात लागू होती है। सार्वभौमिक
कलीसिया का दायित्व जितना बड़ा हो उसका सेवापूर्ण दायित्व भी उतना ही बड़ा है। उन्होंने
कहा कि मानवता और कलीसिया के प्रति अपने प्रेम को दिखलाते हुए विभिन्न पूर्व संत पापाओं
ने अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर न्याय और शांति के लिये विभिन्न कदम उठाया है, आइये आज हम
प्रार्थना करें कि नये संत पापा इस कार्य को ज़ारी रखें। पूर्व संत पापा बेनेदिक्त
सोलहवें ने हमें इस बात की भी याद दिलायी है कि प्रेममय सेवा कलीसिया के जीवन का अभिन्न
अंग है। अंतियोख के संत इग्नासियुस ने कहा कि कलीसिया प्रेम में संचालित होती है। कार्डिनल
सोदानो ने कहा कि बहनों एवं भाइयो आइये हम प्रार्थना करें कि ईश्वर हमें एक संत पापा
दे जो प्रेम के इस मिशन को उदारतापूर्वक स्वीकार करे। हम प्रेरितों, संतो और शहीदों की
रानी - माता मरिया की मध्यस्थता द्वारा इस प्रार्थना को ईश्वर को चढ़ाते हैं।