2013-03-11 15:04:50

ईसाई विरोधी दंगों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन


लाहौर, पाकिस्तान, सोमवार, 11 मार्च, 2012 (बीबीसी) पाकिस्तान के लाहौर के बादामी बाह के जोसेफ कोलोनी में ईसाई समुदाय के दर्जनों लोगों के घर जलाए जाने के बाद ईसाइयों ने सरकार से बेहतर सुरक्षा उपलब्ध कराने की मांग की है।
हिंसा की शुरुआत तब हुई जब शुक्रवार को 26 वर्षीय ईसाई सावन मसीह ने एक मुसलमानों की दुकान में बाल कटाने गया। पर इमरान शाहिद ने बाल काटने से इंकार कर दिया और दोनों के बीच कहासुनी होने लगी। इमरान ने गाली-गलौज़ किये।
इसके तुरन्त बाद इमरान कुछ अन्य मुसलमानों के साथ पुलिस स्टेशन गया और सावन मसीह के विरुद्ध ईशनिन्दा कानून धारा 295 सी के तहत् एक रिपोर्ट लिखायी। उसका आरोप था कि सावन मसीह ने नबी मुहम्मद का अपमान किया है।
इसके बाद हिंसा पर उतारू भीड़ ने जोसेफ कोलोनी में घरों पर हमला किया तो ईसाई घर छोड़कर भाग गए। उपद्रवियों ने कुछ पुलिसवालों पर भी पत्थर से हमला किया।
आगजनी और हिंसा के विरोध में ईसाई समुदाय के लोग लाहौर और कराची में रविवार 10 मार्च को जमा हुए और शनिवार को हुई हिंसा की वारदातों की निंदा की। प्रदर्शनकारियों ने सरकार से आगज़नी के शिकार लोगों को मुआवज़ा देने की मांग की।
कराची के सेंट पैट्रिक चर्च के फ़ादर पीटर जॉन ने सरकार से मांग की है कि घटना से प्रभावित लोगों मुआवज़ा दे।
इस्लाम रावलपिंडी के धर्माध्यक्ष रुफिन अंतोनी ने कहा कि यह दुर्भग्यपूर्ण है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक असुरक्षित हैं।
मसीही फाउन्डेशन और लाईफ फॉर ऑल जैसे मानवाधिकार संगठनों ने भी ईसाईविरोधी हिंसा का विरोध किया है।
भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय समिति के महासचिव धर्माध्यक्ष अलबर्ट डीसूजा ने भी ईसाइयों के विरुद्ध हो रही हिंसा का विरोध किया है और पाकिस्तान सरकार से अपील की है कि वह ईसाइयों को सुरक्षा प्रदान करे।
मुसलमान बहुल पाकिस्तान में ईसाइयों की आबादी लगभग 1.6 फ़ीसदी है।








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