2013-02-26 12:20:29

मुम्बईः ख्रीस्तीय उद्योगपपति, आर्थिक संकट के दौर में कारितास इन वेरिताते मददगार


मुम्बई, 26 फरवरी सन् 2013 (एशियान्यूज़): मुम्बई के उद्योगपति क्लिफटन डिसिल्वा का कहना है कि सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें का विश्व पत्र कारितास इन वेरिताते आर्थिक संकट के दौर में मार्गदर्शक सिद्ध हुआ है।
एशिया न्यूज़ से बातचीत में उन्होंने कहा कि विशेष रूप से भारत के ख्रीस्तीय समुदाय में व्यापार एवं उद्योग के साथ साथ मानव प्रतिष्ठा के मूल्यों को प्रेरित करने में इस विश्व पत्र से प्रोत्साहन मिला है। उन्होंने कहा कि सन् 2009 में प्रकाशित सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें के विश्व पत्र ने इस तथ्य को प्रकाशित किया कि परिवार, युवा वर्ग तथा नये व्यापार एक ऐसे आर्थिक निकाय की रचना करते हैं जो लाभ अर्जन के साथ साथ मानव प्रतिष्ठा को भी बढ़ावा देता है।
डिसिल्वा के अनुसार सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें के उक्त पत्र के एक विशिष्ठ परिच्छेद में इस बात की प्रकाशना की गई है कि "लाभ उपयोगी तब होता है जब वह साध्य को पाने का साधन बने तथा यह मार्गदर्शन दे सके कि उत्पादन कैसे किया जाये तथा उत्पादित सामग्री का अच्छा उपयोग कैसे किया जाये। जब लाभ एकमात्र लक्ष्य होता है, जब वह अनुचित तरीके से हासिल किया जाता है तथा जब उसका अन्तिम उद्देश्य जन कल्याण नहीं होता है तब यह ख़तरा रहता है कि वह धन सम्पन्नता का विनाश करे तथा निर्धनता को प्रोत्साहन प्रदान करे।"
उन्होंने समझाया, "कारितास इन वेरिताते" ने स्पष्टतया यह दर्शाया है कि काथलिक कलीसिया लाभ की दुशमन नहीं है तथा दर्शाती है नीति शास्त्र अर्थ व्यवस्था में विध्न नहीं डालता अपितु अपने लक्ष्यों एवं प्रभावात्मकता को गुणकारी एवं रचनात्मक बनाने का सुअवसर प्रदान करता है।"









All the contents on this site are copyrighted ©.