मनीला, 23 फरवरी, 2013 (कैथन्यूज़) काथलिक कलीसिया को आम लोगों को जोड़ने और गरीबों की
मदद करने में प्रयासरत फिलीपींस की राजधानी मनीला के कार्डिनल लुईस अन्तोनियो तागले अगले
माह में होने वाले संत पापा चुनाव में प्रगतिशील देशों की ओर से एक प्रबल दावेदार रूप
में उभर रहे हैं। 55 वर्षीय कार्डिनल तागले ने हाल के दिनों में फिलीपींस में अपनी
ऐसी छवि बनायी है जो विनीत है और गरीबों और ज़रूरतमंदों की सेवा को समर्पित हैं। फिलीपींस
की कलीसिया उन्हें एक उदारवादी प्रगतिशील और परंपरावादी सिद्धांतों के साथ सामंजस्य बनाने
वाले कार्डिनल के रूप में देखती है। कार्डिनल तागले पिछले नवम्बर माह में मनीला के
महाधर्माध्यक्ष और कार्डिनल बनाये गये थे। कार्डिनल तागले के एक गुरु 72 वर्षीय
फादर रोमियो ने बताया कि तागले के दिल में आरंभ से ग़रीबों के लिये बहुत विशाल स्थान
रहा है। वाटिकन विश्लेषक सान्द्रो मजिस्तेर ने हाल में लिखा था एशिया अफ्रीका और
लैटिन अमेरिका में प्रभावशाली चर्च नेताओं के अभाव में प्रगतिशील देशों की ओर से अगले
पोप के लिये कार्डिनल तागले की दावेदारी प्रबल है। उन्होंने यह भी लिखा ता कि तागले
की छवि कलीसिया में एक प्रगतिशील मेषपाल के रूप में तो है ही संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें
ने भी उनकी ‘सैद्धांतिक सत्यता और संतुलित दूरदर्शिता की प्रशंसा की थी। उन्होंने
कहा कि ऐसे समय में जब चर्च के नेता अपने लोगों से कट जाते हैं कार्डिनल तागले ने हज़ारों
ग़रीबों के साथ होने की अपनी छवि बरकरार रखी है। उन्होंने बतलाया कि जब से फिलीपींस
के काथलिकों ने संत पापा के पदत्याग की ख़बर सुनी है सब कार्डिनल तागले के समर्थन में
एक हो गये हैं। उनका मानना है कि यदि वे संत पापा बन जाते हैं तो उनके लिये क्षति है
पर सार्वभौमिक कलीसिया के लिये लाभ।