Letter- डॉ. हेमंत कुमार, अध्यक्ष गोराडीह भागलपुर बिहार, प्रियदर्शिनी रेडियो लिस्नर्स
क्लब। "वॉईस ऑफ हार्ट" दूसरों के दर्द को महसूस करें। उनके संघर्ष, निराशा, कठिनाईयों
और अपूर्णताओं को समझें। अपने दिल को उनके लिए खोलें। महसूस करें कि प्रत्येक व्यक्ति
अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास कर रहा है। सम्पूर्ण मानवजाति को अपने दिल रूपी पालने
में धारण करें। सारा जहाँ है उसका जो मुस्कुराना सीख ले। रोशनी है उसकी जो शमां
जलाना सीख ले। हर गली में मंदिर है हर राह में मस्जिद है पर ईश्वर है उसका जो सिर झुकाना
सीख ले। ईश्वर आपको आशीष दें। Letter दीवान राफिगुल इस्लाम साहब (राना), अध्यक्ष,
नुआगाँव पतालिर मोड़ नुआगाँव बांग्लादेश, फ्रेंडस रेडियो क्लब। मैंने आपके वेबसाइट
का दौरा किया और आपके अद्भुत वेबपेज पर आश्चर्यचकित हुआ। यह सुन्दर सजावट, विविध जानकारी
और दिलचस्प पाठों से बना है तथा इसमें विभिन्न राजनीतिक मुद्दे, संस्कृति और खेल हैं.
साइट प्रकाशनों के लिए जिम्मेदार कार्यकत्ताओं को बधाई। मैं आपके संगीत और सुन्दर प्रस्तुत
कार्यक्रमों को पसंद करता हूँ। कृपया मेरे लिए वर्ष 2013 का नया कैलेंडर, नोट पैड, चाबी
रिंग और कोट पिन भेजने की कृपा करें। Letter - रमेषचन्द्र सक्सेना टेलर्स, बड़ागाव,
शाहजहाँपुर, उ.प्र.। सेवा में, श्रीमान निर्देषक, रेडियो वाटिकन आप एवं रेडियो
परिवार की दोनों शाखाओं के कार्यकर्ता व उदघोषक भाई- बहन को प्रभु येसु मसीह के पवित्र
नाम में मेरा प्यार भरा नमस्कार। आपके द्वारा प्रेषित वाटिकन भारती का अंक जुलाई-अगस्त
2012 मुझे प्राप्त हुई हार्दिक धन्यवाद। आपके सकुशल निर्देशन में रेडियो वाटिकन के समस्त
प्रसारण बहुत ही ज्ञानवर्धक तथा प्रेरणा श्रोत होते हुए नवीनतम जानकारी उपलब्ध कराते
हैं तथा वाटिकन भारती के सभी लेख अति उत्तम एवं जानकारियों का खजाना है। संगीत जिसके
लेखक भाई जोसेफ कमल बाड़ा जी हैं उन्होंने बहुत ही सुन्दर व्याख्या की अतः हम विभिन्न
धर्मों के लिए हैं लेकिन हमारा सही धर्म है मानवता क्योंकि जबतक मनुष्य के अंदर मनुष्य
के प्रति प्रेम जागृत नहीं होता तब तक उसका कोई भी धर्म नहीं है। हम सब एक परमेश्वर की
संतान हैं। यहाँ अब हमको विश्व मानवता और सहभागिता का जय उद्घोष कराना है, यही सच्चा
धर्म है। कविताः- मन ही मंदिर, मन ही मस्जिद मन ही चर्च मन ही तेरा गुरुद्वारा
है। धर्म के नाम पर जो हिंसा करे वह दानव ही होता है।। कोई धर्म नहीं लिखा मंदिर-मस्जिद,
चर्च-गुरुद्वारे में है। धर्म वही है सच्चा जो मानव-मानव के जीवन से प्रेमभाव रखते
हैं।। क्या भगवान पत्थर शीशों की चमक-दमक में बैठा होता है। प्रेम, दया, करुणा,
एकता में वह सदा ही निवास करता है।। मर्यादित, शालीनता, नैतिकता से रहना परिपूर्ण
ही हमारा धर्म है। विवेकशीलता सहभागिता, मानवता का उद्घघोष करे वह धर्म सबसे प्यारा
है। हमने कुछ विचार आपके समक्ष प्रस्तुत किए इसमें अगर कोई त्रुटि हो तो सुधार कर
क्षमा करें। सभी वाटिकन परिवार को पुनः जय मसीह।