2013-02-23 15:24:37

बुधवार 30 जनवरी


Letter – चेनाराम बारुपाल, राजस्थान, बाड़मेर।
मैं वाटिकन रेडियो की प्रातः और संध्या कालिन दोनों सभाओं को नियमित सुन कर लाभ उठाता हूँ। विश्व के बारे में मुझे काफी जानकारी रेडियो वाटिकन से मिलती है। रेडियो वाटिकन के सभी भाई बहनों को नववर्ष की हार्दिक बधाई व नया वर्ष वाटिकन रेडियो के श्रोताओं के लिए खुशियाँ लाये। आप मुझे केलेन्डर भेजे।

Letter- डॉ. हेमान्त कुमार, गोराडी भागलपुर, बिहार।
शरीफों में कोई चोर नहीं होता,
ख्वाबों में कोई और नहीं होता,
लाइब्रेरी में कोई शोर नहीं होता,
और जो वाटिकन रेडियो से करे दोस्ती वो लाईफ में कभी बोर नहीं होता। यह सच्च हैं ..
ईश्वर आप सभों को आशीष दे।

दो कदम दूर किनारा होगा ..
सोचो कितना खबसूरत नजारा होगा ..
दिल जो कहे उसे दिल से करो फिर देखो जो सोचोगे वो तुम्हारा होगा ..
सुप्रभात एवं मक्कर संक्राँति की शुभकामनाएँ।

Letter- पियर मोरिसस से विद्यानंद रामदयाल जी 16 जनवरी के ई मेल में लिखते हैं - आदरणीय पिता जी आप सभी को प्रभु येसु के नाम में मेरा नमस्कार वाटिकन रेडियो की आपकी पहली सभा में प्रसारित नाटक "गुनाहों का दल दल " बहुत ही दिलचस्प रहा । सभी कलाकारों को मेरी ओर से ढेर सारी बधाइयाँ ।
Letter- शेख मो. मुबारक अली, गोइरदाहा मिरजापुर, उ.प्र।
सादर अभिवादन, आशा है सकुशल होंगे। पिता की अकाल मृत्यु ने मुझे तोड़ कर रख दिया। एक ओर उनकी जुदाई का गम तो दूसरी ओर अचानक सारी जिम्मेदारियों का बोझ साथ ही मेरी भी 6 महीनों की बीमारी ने क्रमशः मुझे मानसिक, आर्थिक तथा शारीरिक रुप से अत्याधिक दुर्बल कर दिया, परिणाम स्वरुप उक्त अवधि में मेरे अनेको मित्र एवं संबंधी मुझसे दूर होते गये। वाटिकन रेडियो का साथ तो लगभग हमेशा था किन्तु पत्र व्यवहार नहीं कर सका क्योंकि मानसिक दबाव के कारण पत्र लिखने का तनिक भी मन न करता था। किन्तु आज जबकि मैं समस्याओं से उबर रहा हॅूं तो वाटिकन को पत्र प्रेषित किए बिना न रहा गया। इसका एक अन्य कारण यह भी है कि वर्तमान समय में वाटिकन के श्रोताओं में भारी कमी आ रही है। इस संदर्भ में मेरा कहना मानें तो श्रोताओं की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हो सकती है किन्तु यह राज में अपने आगामी पत्र में खोलूंगा। शेष अगले पत्र में।








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