2013-02-20 12:23:29

नई दिल्लीः भारत में दलितों के विरुद्ध भेदभाव को मिटाने हेतु दस लाख पोस्टकार्ड भेजने की योजना


नई दिल्ली, 20 फरवरी सन् 2013 (ऊका समाचार): भारत के काथलिक एवं प्रॉटेस्टेन्ट ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों ने भारत में दलित ख्रीस्तीयों के विरुद्ध भेदभाव को समाप्त करने के लिये सरकार को दस लाख पोस्टकार्ड भेजने का ऐलान किया है।
भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन में दलितों के पक्ष में काम करनेवाली समिति के अध्यक्ष धर्माध्यक्ष एन्थोनीसामी नीतिनाथन ने ऊका समाचार से कहा, "हम सरकार से एक ठोस उत्तर की मांग कर रहे हैं, हम अब और नहीं रुक सकते।"
उन्होंने कहा कि भारत सरकार को एक स्थगित मामले में सर्वोच्च नायायलय को उत्तर देना है। उनकी हाँ या ना के बाद हम अपनी कार्ययोजना प्रस्तुत करेंगे।
आठ वर्ष पूर्व सर्वोच्च न्यायालय में, सन् 1950 के संवैधानिक संशोधन की वैधता को चुनौती देते हुए एक याचिका दायर की गई थी। संशोधन में कहा गया था, "हिन्दु धर्म के अलावा और कोई धर्म का अनुयायी अनुसूचित जाति का सदस्य नहीं माना जायेगा।"
धर्माध्यक्ष महोदय ने 18 फरवरी को पत्रकारों को बताया कि 11 जनवरी को इस मामले पर आखिरी सुनवाई हुई थी और अगली सुनवाई चार मार्च के लिये निर्धारित है।
दलित समिति के सचिव फादर देवसहायराज ने बताया कि काँग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी तथा प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह को प्रतिदिन सौ पोस्टकार्ड भेजे जायेंगे जब तक दस लाख का लक्ष्य प्राप्त नहीं कर लिया जाता।
ग़ौरतलब है कि भारत में दलित हिन्दुओं को मिलनेवाली सुविधाएँ ख्रीस्तीय एवं मुसलमान दलितों को नहीं मिलती हैं।








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