संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें कलीसिया के ‘महान् वरदान’
हन्टिंगटन, 16 फरवरी, 2013 (सीएनए) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने अपने शासन काल में
खुल कर नये सुसमाचार प्रचार, आधुनिक युग की चुनौतियों और एक नयी आशा के बारे में बातें
की। उक्त बात काथलिक पुस्तकों की प्रकाशक कम्पनी ‘आवर सन्डे विज़ीटर’ के प्रकाशक और
अध्यक्ष ग्रेग एरलैंडसन ने कहीं जब उन्होंने संत पापा के इस्तीफ़ा देने का समाचार की
जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें के तीनों दस्तावेज़
आज के युग की सांस्कृतिक परिवर्तनों के कारण मानव की समस्याओं और एकान्त जीवन के बारे
में तो चर्चा की है साथ ही येसु मसीह में दृढ़ विश्वास और आशा पर भी बल दिया है। एरलैंडसन
ने कहा कि संत पापा काथलिक कलीसिया के ‘महान् वरदान’ हैं। संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें
ने संत पापा धन्य जोन पौल द्वितीय द्वारा आरंभ किये गये नये सुसमाचार के मिशन को सर्वोच्च
प्राथमिकता दी। उन्होंने इस बात को गहराई से समझा कि सबसे पहले कलीसिया को नया बनाने
और उसमें नयी जान डालने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि कलीसिया को नया बनाने और उसमें
नयी शक्ति डालने के उद्देश्य से ही उन्होंने पिछले अक्तूबर में धर्माध्यक्षों की विशेष
सभा को बुलाया था जो कलीसिया को नवीन करने की एक ठोस पहल थी। प्रकाशक ने कहा कि संत
पापा बेनेदिक्त के शासन काल को लोग उनकी यात्राओं विशेष करके अमेरिका, इंगलैंड, लेबनान
और क्यूबा की यात्राओं के लिये तो याद करेंगे ही उनके लेखों से भी प्रेरणायें पायेंगे।
संत पापा महान् बुद्धिजीवी रहे जिनके लेखों को लोगों ने उनकी स्पष्टता के लिये पढ़ना
पसंद किया। विदित हो कि संत पापा ने निर्णय लिया है कि 28 फरवरी को अपने पद से इस्तीफ़ा
दे देंगे और तब एक नये संत पापा के चुनाव की प्रक्रिया शुरु की जा सकेगी। प्रसिद्ध
प्रकाशन ‘आवर सन्डे विजीटर’ के प्रकाशन ने कहा पूरी दुनिया संत पापा के इस्तीफ़े के निर्णय
से अचम्भित तो है सबका दिल उनके विवेव और नम्रता के लिये गहरे सम्मान से भर गया है। उनकी
मानना है कि बीसवीं सदी के एक सम्मानीय ईशशास्त्री और तीसरी सहस्राब्दि के प्रथम संत
पापा को कलीसिया के नवीनीकरण में उनके समर्पण के लिये याद करेंगे।