वाटिकन सिटीः सन्त पापा के पदत्याग की घोषणा पर विश्व को पहुँचा आघात
वाटिकन सिटी, 12 फरवरी सन् 2013 (सेदोक): सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें द्वारा परमाध्यक्षीय
पदत्याग की घोषणा से विश्व को आघात पहुँचा है। विश्व के विभिन्न भागों से आश्चर्य और
दुख किन्तु साथ ही सन्त पापा के प्रति गहन सम्मान की प्रतिक्रियाएँ मिली हैं। आश्चर्य
इसलिये कि विगत लगभग 600 वर्षों तक किसी भी सन्त पापा ने अपना पद नहीं त्यागा था। 1415
ई. में सन्त पापा ग्रेगोरियो 12 वें ने पश्चिमी एवं पूर्वी ख्रीस्तीयता में विभाजन को
अन्त करने के लिये अपना पदत्याग दिया था। हालांकि, कलीसियाई विधान में काथलिक कलीसिया
के परमाध्यक्ष के पदत्याग का प्रावधान है तथापि सन् 1415 ई. के बाद से किसी भी सन्त पापा
ने अपना पद नहीं त्यागा था। ग़ौरतलब है कि सोमवार 11 फरवरी को वाटिकन में कार्डिनल
मण्डल की बैठक में सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने घोषित किया था कि 28 फरवरी को वे सन्त
पापा पद से हट जायेंगे। काथलिक कलीसिया की सार्वभौमिक भाषा लैटिन में उन्होंने कहा था
कि कलीसिया के नेतृत्व के लिये मन एवं तन की शक्ति की आवश्यकता है तथा विगत माहों में
वे इस निश्चित्तता तक पहुँच गये हैं कि उनके सिपुर्द की गई महान प्रेरिताई को उचित रीति
से आगे बढ़ाने में वे अपने आपको क्षीण महसूस कर रहे थे। सन्त पापा ने कहा था कि वे
अपने इस निर्णय की गम्भीरता से भलीभाँति परिचित हैं तथापि, कलीसिया की भलाई के लिये वे
यह कदम उठा रहे थे। सोमवार को सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें की घोषणा के तुरन्त
बाद वाटिकन के प्रवक्ता फादर फेदरीको लोमबारदी ने पत्रकारों के समक्ष स्वीकार किया था
कि वाटिकन के अन्य वरिष्ठ धर्माधिकारियों सहित वे भी सन्त पापा की इस घोषणा से "आश्चर्यचकित"
थे। इसी प्रकार कार्डिनल मण्डल के अध्यक्ष कार्डिनल आन्जेलो सोदानो ने उक्त बैठक
में घोषणा के तुरन्त बाद कहा था कि सन्त पापा की घोषणा "खुले आकाश में बिजली चमकने जैसी
थी"।