2013-02-09 09:35:12

प्रेरक मोतीः सन्त आपोल्लोनिया (निधन 249 ई.)


वाटिकन सिटी, 09 फरवरी सन् 2013

सन् 249 ई. में, कुँवारी आपोल्लोनिया ख्रीस्तीय विश्वास के ख़ातिर, एलेक्ज़ेनड्रिया के सम्राट फिलिप के शासनकाल में, शहीद हो गई थी। अरबी सम्राट फिलिप का शासनकाल सन् 244 ई. से 249 ई. तक चला जिसके दौरान प्रभु येसु ख्रीस्त के अनुयायियों पर घोर अत्याचार किये गये।

आपोल्लोनिया की जीवनी सन्त दियोनिसियुस द्वारा एक पत्र में अन्ताखिया के धर्माध्यक्ष फेबियन को प्रेषित की गई थी। दियोनिसियुस सन् 247 ई. से 265 ई. तक एलेक्ज़ेनड्रिया के धर्माध्यक्ष थे। फेबियन को प्रेषित पत्र में सन्त दियोनिसियुस ने उन कड़ी यन्त्रणाओं का वर्णन किया है जिनका शिकार ख्रीस्तीयों को बनाया गया था। उनके अनुसार सम्राट के जल्लादों ने आपोल्लोनिया के मुँह से एक एक कर सभी दाँत तोड़ दिये थे तथा उनसे अपने विश्वास के परित्याग का आग्रह किया था किन्तु आपोल्लोनिया ख्रीस्त में अपने विश्वास का साक्ष्य देती रहीं। अन्त में हारकर जल्लादों ने उनका शील हरण कर उन्हें आग में भस्म करना चाहा किन्तु अपनी शुद्धता खोने से पहले ही आपोल्लोनिया प्रार्थना करती हुई ख़ुद आग की लपटों में स्वेच्छा से कूद गई थी।

प्रभु येसु ख्रीस्त की आरम्भिक कलीसिया की कुँवारी और शहीद सन्त आपोल्लोनिया को दन्त चिकित्सकों एवं दाँत के रोगियों की संरक्षिका घोषित किया गया है। शहीद सन्त आपोल्लोनिया का पर्व 09 फरवरी को मनाया जाता है।



चिन्तनः "प्रभु! तूने यह सब देखा है। अब मौन न रह। प्रभु! मुझ से दूर न जा। मेरे ईश्वर! मेरे प्रभु! जाग। उठ कर मुझे न्याय दिला। प्रभु! मेरे ईश्वर! अपने न्याय के अनुसार मुझे निर्दोष सिद्ध कर" (स्तोत्र ग्रन्थः 35:22-24)।









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