बैंगलोरः कार्डिनल ग्रोखोलेव्स्की ने द्वितीय वाटिकन महासभा पर सम्मेलन का किया उदघाटन
बैंगलोर, 01 फरवरी सन् 2013 (सेदोक): बैंगलोर में, वाटिकन के वरिष्ठ कार्डिनल ज़ेनॉन
ग्रोखोलेव्स्की ने, गुरुवार को, द्वितीय वाटिकन महासभा पर आयोजित चार दिवसीय सम्मेलन
का उदघाटन किया। भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन द्वारा आयोजित यह सम्मेलन 31
जनवरी से 03 फरवरी तक बैंगलोर के परमधर्मपीठीय विश्वविद्यालय धर्माराम विद्या क्षेत्रम्
में जारी रहेगा। सम्मेलन का शीर्षक हैः "द्वितीय वाटिकन महासभा की पुनर्भेंटः 50 वर्षीय
नवीनीकरण"। गुरुवार को बैंगलोर में भारत के काथलिक कार्डिनलों एवं धर्माध्यक्षों
सहित अनेकानेक पुरोहितों एवं लोकधर्मियों की उपस्थिति में काथलिक शिक्षा सम्बन्धी परमधर्मपीठीय
समिति के अध्यक्ष कार्डिनल ग्रोखोलेव्स्की ने सम्मेलन का उदघाटन किया। अपने प्रवचन में
उन्होंने सन् 1963 में सम्पन्न द्वितीय वाटिकन महासभा द्वारा कलीसिया में लाये गये परिवर्तनों
की ओर ध्यान आकर्षित कराय और कहा, "प्रभु येसु ख्रीस्त की कलीसिया हर क्षण नवीकृत होने
के लिये बुलाई गई है।" कार्डिनल महोदय ने कहा कि समय के संकेतों को पहचान कर, वर्तमान
विश्व में प्रस्तुत चुनौतियों की पृष्टभूमि में, द्वितीय वाटिकन महासभा की शिक्षाओं को
समझकर, उनपर अमल करने से ही कलीसिया, मानव की आशाओं एवं आकाँक्षाओं पर खरी उतरेगी तथा
सुसमाचार के अनुकूल विश्वासियों का मार्गदर्शन करने में सक्षम बन सकेगी।