2013-01-28 14:27:30

विश्वास का अभाव वैवाहिक अविभाज्यता के लिये घातक


वाटिकन सिटी, 28 जनवरी, 2013(न्यूज़.वीए) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने कहा कि कि विश्वास का अभाव विवाह की स्वाभाविक अच्छाई, प्रजनन, वैवाहिक वफ़ादारी और इसकी अविभाज्यता को क्षति पहुँचाता है।
संत पापा ने उक्त बात उस समय कही जब उन्होंने के सदस्यों को शनिवार 26 जनवरी को न्यायिक वर्ष के उद्धाटन समारोह में रोमन रोटा के ट्रिब्युनल संबोधित किया।

संत पापा ने इस बात को दुहराया कि विश्वास संकट वैवाहिक जीवन में भी संकट लेकर आता है। ईश्वर को अस्वीकार करना मानव रिश्तों में भी असामंजस्य ले आता है।
समकालीन संस्कृति बलपूर्ण आत्मवाद तथा नैतिक और धार्मिक सापेक्षवाद के कारण परिवारों के समक्ष एक जबरदस्त चुनौती प्रस्तुत करते है विशेष करके वैसी विपरीत मानव स्वतंत्रता मानव आजीवन प्रतिबद्ध बने रहने की क्षमता के बाधक हैं।

संत पापा ने कहा कि कई लोगों की मानसिकता ऐसी है कि वे विश्वास करते हैं कि उनका अस्तित्व तब ही बना रहता है जब उन्हें स्वायत्तता प्राप्त हो और दूसरों के साथ उनके संबंध को कभी भी तोड़ा जा सके।

संत पापा ने कहा कि केवल ईश्वर की सत्यता के प्रति खुल रह कर ही जीवन के महत्व विवाह, परिवार और ईश्वर की संतान होने की सत्यता को समझा जा सकता है

संत पापा ने संत अगुस्टीन की बातों को उद्धृत करते हुए कहा कि विवाह के तीन तत्त्व बहुत महत्वपूर्ण हैं प्रजनन, वैवाहिक वफ़ादारी और अविभाज्यता।

संत पापा ने ऐसे विवाहितों की प्रशंसा की जिन्होंने तलाक या विवाह विच्छेद के बाद भी विवाह की मर्यादा और अविच्छेदता का सम्मान करते हुए किसी अन्य के साथ कोई संबंध नहीं रखा।








All the contents on this site are copyrighted ©.