सेमिनरियों और धर्मशिक्षा की ज़िम्मेदारी संबंधी ‘मोतू प्रोप्रियो’
वाटिकन सिटी, 26 जनवरी, 2013(सेदोक, वीआर) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने 25 जनवरी शुक्रवार
को ‘मोतु प्रोप्रियो’ अर्थात् ‘स्वतःप्रेरणा’ से दो प्रेरितिक पत्र प्रेषित किये। इन
पत्रों के द्वारा उन्होंने सेमिनरियों (पुरोहित शिक्षणालयों) और धर्मशिक्षा की ज़िम्मेदारी
को वाटिकन के केंद्रीय प्रशासन के अन्तर्गत कर दिया।
विदित हो कि इस प्रकार की
परिवर्तन का संकेत संत पापा ने रोम में नये सुसमाचार प्रचार पर आयोजित धर्माध्यक्षों
के सिनॉद के अन्त में 27 अक्तूबर को ही दे दिया था। अब इसकी घोषणा आधिकारिक रूप से कर
दी गयी है।
मोतू प्रोप्रियो की घोषणा के अनुसार अब सेमिनरियों का कार्यनिर्वाह
काथलिक शिक्षा के लिये बने संघ से हटाकर याजकों के लिये बने संघ के साथ कर दिया गया है।
दूसरी ओर काथलिक धर्मशिक्षा की ज़िम्मेदारी याजकों के लिये बने संघ से निकाल
कर नये सुसमाचार प्रचार के लिये बनी परमधरमपीठीय परिषद् के अधीन कर दिया गया है।
मालूम
हो कि रोमन कूरिया के अंतर्गत इस तरह का परिवर्तन किया गया है ताकि इसके अन्तर्गत कार्य
करने वाले विभिन्न विभागों के बीच बेहतर तालमेल हो और संत पापा पूरी कलीसिया या कलीसिया
विशेष की देखभाल और उनके हित में अपनी सेवायें प्रदान कर सके।