राँचीः भारत के ख्रीस्तीयों का विश्वास सम्पूर्ण विश्व के लिये आदर्श, कार्डिनल टोप्पो
राँची, 25 जनवरी सन् 2013 (एशियान्यूज़): राँची के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल टेलेस्फोर
टोप्पो ने, 64 वें गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) के उपलक्ष्य में जारी अपने सन्देश में कहा
है कि भारत के ख्रीस्तीयों का विश्वास सम्पूर्ण विश्व के लिये आदर्श सिद्ध हो सकता है।
एशिया समाचार द्वारा प्रकाशित उक्त सन्देश में कार्डिनल टोप्पो ने भावी भारत के लिये
काथलिक कलीसिया की भूमिका पर चिन्तन किया। उन्होंने कहा कि यदि भारत के लोग ईश्वर की
शांति को स्वीकार करें तो वे हिंसा, भ्रष्टाचार, निर्धनता, भुखमरी तथा भेदभाव को मिटाने
में सक्षम बन सकते हैं। कार्डिनल महोदय ने कहा, "हमारे प्रिय देश के भविष्य की रचना
में भारतीय कलीसिया को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। यह हमारी ज़िम्मेदारी है। हमें सत्य
के सौन्दर्य की पुनर्खोज करनी होगी और इस सन्दर्भ में हमारे राष्ट्रीय प्रतीक में अंकित,
"सत्यमेव जयते" अर्थात् "केवल सत्य की जीत होती है", शब्दों में विश्वास करना होगा।" उन्होंने
कहा 64 वाँ गणतंत्र दिवस काथलिकों के लिये इस वर्ष, काथलिक कलीसिया द्वारा घोषित विश्वास
को समर्पित वर्ष तथा द्वितीय वाटिकन महासभा की 50 वीं वर्षगाँठ के सन्दर्भ में और अधिक
अर्थगर्भित हो उठता है। उन्होंने कहा कि हिंसा और भ्रष्टाचार मानवजाति के विरुद्ध
अपराध हैं जो भारतीय समाज को विकृत कर रहे हैं जिसे दूर करने के लिये ख्रीस्तीयों का
दायित्व है कि वे अपने विश्वास का साक्ष्य देकर अन्यों के लिये आदर्श बनें। उन्होंने
कहा कि हिंसा एवं भ्रष्टाचार की संस्कृति को न्याय एवं शांति की संस्कृति में बदलना ख्रीस्तीयों
के समक्ष प्रस्तुत एक महान चुनौती है जिसका सामना ख्रीस्त में अपने विश्वास को मज़बूत
कर किया जा सकता है।