2013-01-21 10:08:34

वाटिकन सिटीः ख्रीस्तीय एकता एवं शांति हेतु सन्त पापा ने की प्रार्थना



वाटिकन सिटी, 21 जनवरी सन् 2013 (सेदोक): श्रोताओ, रविवार, 20 जनवरी को, रोम स्थित सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में एकत्र तीर्थयात्रियों के साथ देवदूत प्रार्थना के पाठ से पूर्व, सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने, भक्तों को इस प्रकार सम्बोधित कियाः

"अति प्रिय भाइयो एवं बहनो,

आज की धर्मविधि काना के विवाह का सुसमाचारी वृत्तान्त हमारे समक्ष प्रस्तुत करती है, यह वृत्तान्त सन्त योहन द्वारा लिखा गया है जो इस घटना के चश्मदीद गवाह थे। सुसमाचार के इस वृत्तान्त को ख्रीस्तजयन्ती की अवधि के तुरन्त बाद पड़नेवाले रविवार के लिये निर्धारित किया गया है क्योंकि पूर्व के राजाओं की भेंट तथा येसु के बपतिस्मा के साथ यह एपीफानी अर्थात् प्रभु की प्रकाशना या प्रभु प्रकाश त्रय को पूरा करता है। काना के विवाह का वृत्तान्त, वस्तुतः, "संकेतों का आरम्भ" है (योहन 2,11), अर्थात् येसु द्वारा सम्पादित प्रथम चमत्कार, जिसके द्वारा उन्होंने अपनी महिमा लोगों के समक्ष प्रकट की तथा अपने शिष्यों में विश्वास जगाया।"

सन्त पापा ने आगे कहाः "गलीलिया के काना में विवाह समारोह के दौरान जो हुआ उसपर हम तनिक चिन्तन करें। हुआ यह कि अँगूरी समाप्त हो गई तथा येसु की माता, मरियम ने अपने पुत्र का ध्यान इस तथ्य की ओर आकर्षित कराया। येसु ने उन्हें उत्तर दिया कि अब तक उनका समय नहीं आया था; परन्तु उसके बाद मरियम की व्याकुलता को दृष्टिगत रख उन्होंने छः बड़े मटकों में पानी भरने का आदेश दिया, पानी को उन्होंने अँगूरी में बदल दिया, बढ़िया अँगूरी में, जो पहले की अँगूरी से कहीं अधिक श्रेष्ठ थी।"

सन्त पापा ने कहा, "इस चिन्ह द्वारा येसु स्वतः को मसीही वर रूप में प्रकट करते हैं, जो, नबियों की भविष्यवाणियों के अनुसार, अपने लोगों के साथ नई एवं अनन्त संधि की स्थापना हेतु आये हैं, इसायस के ग्रन्थ के 62 वें अध्याय के पाँचवे पद में लिखा हैः "जिस तरह वर अपनी वधू पर हर्षित होता है, उसी तरह तेरा ईश्वर तुझ पर प्रसन्न होगा" तथा अँगूरी, इस प्रेम के उल्लास का प्रतीक है; साथ ही यह उस रक्त का भी प्रतीक है जिसे प्रभु येसु ने अन्त में मानवजाति के साथ इस वैवाहिक सन्धि पर मुहर लगाने के लिये बहाया।"

उन्होंने आगे कहाः "कलीसिया ख्रीस्त की वधु है, जो उसे अपनी कृपा से पवित्र एवं सुन्दर करते हैं। तथापि, मानव प्राणियों से रचित इस वधु को अनवरत शुद्धीकरण की आवश्यकता है। कलीसिया के मुखमण्डल को विकृत करनेवाले सर्वाधिक गम्भीर अपराधों में से एक है उसकी दृश्यमान एकता पर आघात करना, विशेष रूप से, वे ऐतिहासिक विभाजन जिन्होंने ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों को अलग अलग कर दिया तथा जिन्हें अभी भी पूरी तरह से पार नहीं किया जा सका है।"

आगे सन्त पापा ने कहा, "संयोग से, इन दिनों,, 18 से 25 जनवरी तक, ख्रीस्तीयों के बीच एकता हेतु वार्षिक प्रार्थना सप्ताह मनाया जा रहा है। यह विश्वासियों और समुदायों के लिये वह सुअवसर है जो सबमें पूर्ण एकता की इच्छा को जाग्रत करता तथा इस एकता को प्राप्त करने के लिये उनमें अपने आध्यात्मिक दायित्व के प्रति चेतना को जगाता है। इस अर्थ में, वह प्रार्थना जागरण बहुत महत्वपूर्ण सिद्ध हुआ जो लगभग एक माह पहले सम्पूर्ण यूरोप से एकत्र युवाओं तथा तेज़े समुदाय के लोगों के साथ मिलकर मैंने सम्पन्न किया, वह कृपा का क्षण था जिसमें हमने ख्रीस्त में एक होने के सौन्दर्य की अनुभूति प्राप्त की।"

सन्त पापा ने आगे कहाः "सभी को मैं एक साथ प्रार्थना के लिये प्रोत्साहित करता हूँ ताकि एकसाथ मिलकर हम उस स्थिति को प्राप्त कर सकें "जिसकी अपेक्षा प्रभु हमसे करते हैं", (दे. मीकाह 6,6-8), जैसा कि इस वर्ष प्रार्थना सप्ताह का विषय भी कहता है; यह विषय भारत के कुछेक ख्रीस्तीय समुदायों द्वारा प्रस्तावित किया गया है, जो हमें समस्त ख्रीस्तीयों के बीच दृश्यमान एकता की दिशा में अग्रसर होने के लिये तथा ख्रीस्त में भाई-भाई होने के नाते हर प्रकार के अन्यायपूर्ण भेदभाव को पराजित करने हेतु आमंत्रित करते हैं। आगामी शुक्रवार को, प्रार्थना के इन दिनों के समापन पर, मैं रोम स्थित सन्त पौल महागिरजाघर में, अन्य कलीसियाओं एवं कलीसियाई समुदायों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में, सान्ध्य वन्दना का नेतृत्व करूँगा।"

अन्त में उन्होंने कहा, "प्रिय मित्रो, ख्रीस्तीयों के बीच एकता हेतु प्रार्थना के साथ साथ एक बार फिर मैं शांति की प्रार्थना को जोड़ना चाहता हूँ, ताकि दुर्भाग्यवश जारी विभिन्न संघर्षों में निर्दोष नागरिकों को बख़शा जाये, हर प्रकार की हिंसा समाप्त हो तथा वार्ता एवं समझौते के लिये साहस जुटाया जाये। इन दोनों मनोरथों के लिये हम कृपामय पवित्र माता मरियम की मध्यस्थता की याचना करें।"

इतना कहकर सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने सभी भक्तों पर शान्ति का आह्वान किया तथा सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।

तदोपरान्त, सन्त पापा ने विभिन्न भाषाओं में तीर्थयात्रियों को सम्बोधित कर शुभकामनाएँ अर्पित कीं। अँग्रेज़ी भाषा भाषियों का अभिवादन करते हुए सन्त पापा ने कहा, "आज, देवदूत प्रार्थना के उपस्थित सभी अँग्रेज़ी भाषी तीर्थयात्रियों का मैं हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ। इन दिनों हम ख्रीस्तीयों के बीच एकता हेतु प्रार्थना सप्ताह मना रहे हैं। समस्त कलीसियाओं एवं कलीसियाई समुदायों के भाइयों एवं बहनों की प्रार्थना में आइये हम सब भी एकप्राण हो जायें ताकि प्रभु येसु ख्रीस्त में अपनी दृश्यमान एकता की दिशा में हम हृदय की अतल गहराई से स्वतः को समर्पित करें। ईश्वर आपको और आपके प्रिय जनों को आशीष दें।"

अन्त में सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने सभी उपस्थित तीर्थयात्रियों के प्रति शुभ रविवार और शुभ सप्ताह की मंगलकामनाएँ अर्पित कीं।








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