ईशशास्री, अर्थशास्त्री और मानवाधिकार कार्यकर्ता तिस्सा बालासूर्या का निधन
कोलोम्बो, 19 जनवरी, 2013 (कैथन्यूज़) श्रीलंका के ईशशास्री, अर्थशास्त्री और मानवाधिकार
कार्यकर्ता तिस्सा बालासूर्या की कोलोम्बो में बुधवार को मृत्यु हो गयी। वे 89 साल के
थे। काथलिक कलीसिया ने विश्वास के विरुद्ध शिक्षा देने के आरोप में सन् 1997 ईस्वी
उन्हें कलीसिया से बहिष्कृत कर दिया था। ‘ऑबलेटस ऑफ मेरी इम्माकुलेट’ पुरोहित तिस्सा
ने सन् 1971 ईस्वी में कोलोम्बों में सेन्टर फॉर सोसायटी एंड रेलिजन नामक एक संस्था की
स्थापना की थी। इस संस्थान के द्वारा उन्होंने अन्तरधार्मिक वार्ता न्याय और शांति के
लिये कार्य किया। फादर तिस्सा बालासूर्या ने अन्तरकलीसियाई एकता को बढ़ावा देने के
लिये तीसरी दुनिया के ईशशास्त्रियों की एक संस्था बनायी थी। मालूम हो कि माता मरिया
का आदि पाप, मुक्ति मे ख्रीस्त की भूमिका और प्रकाशना के बारे में उनकी विचारधारा के
कारण विश्वास के सिद्धांतों के लिये बनी समिति ने उनकी रचनाओं का अध्ययन किया और उसे
काथलिक कलीसिया से बहिष्कृत कर दिया गया था। ‘मेरी एंड ह्युमन लिबरेशन’ नामक किताब में
लिखे तिस्सा बालासूर्या के विचारों के कारण वे विवादों के घेरे में आ गये थे। 70 के
दशक में बालासूर्या ने कई ख्रीस्तीय पत्र-पत्रिकाओं अपने लेख छपवाये। अपने बहिष्कृत
होने के एक साल बाद उन्होंने ‘मेलमिलाप पत्र’ लिखा और तब उन्हें कलीसिया में फिर से शामिल
कर लिया गया। कोलोम्बो के आवर लेडी ऑफ फतिमा गिरजाघर में 17 जनवरी, वृहस्पतिवार को
उन्हें दफ़ना दिया गया