2013-01-18 12:28:11

रोमः ख्रीस्तीयों के बीच एकता समृद्धता लाती है


रोम, 18 जनवरी सन् 2013 (ज़ेनित): वाटिकन स्थित ख्रीस्तीयों के बीच एकता को प्रोत्साहन देने के लिये गठित परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष कार्डिनल कुर्ट कॉख ने कहा है कि प्रभु ख्रीस्त के अनुयायियों के बीच एकता समृद्धता लाती है।
शुक्रवार 18 जनवरी से, ख्रीस्तीयों के बीच एकता हेतु, काथलिक कलीसिया द्वारा घोषित प्रार्थना सप्ताह शुरु हो रहा है। विश्व के सभी ख्रीस्तीय धर्मप्रान्त एवं पल्लियाँ तथा स्कूल एवं गुरुकुल विभिन्न प्रेरितिक गतिविधियों से इसे मना रहे हैं जबकि वाटिकन में, इस समय, ख्रीस्तीय एकतावर्द्धक परमधर्मपीठीय समिति के तत्वाधान में, काथलिक एवं अन्य कलीसियाओं के प्रतिनिधियों के बीच विचारों का आदान-प्रदान, प्रार्थना सभाएँ तथा बाईबिल पाठ किया जा रहा है। प्रार्थना सप्ताह 25 जनवरी को सन्त पौल के मनपरिवर्तन के पर्व पर समाप्त हो जायेगा।
प्रार्थना सप्ताह पर ज़ेनित समाचार को दी एक भेंटवार्ता में कार्डिनल कॉख ने कहा कि ख्रीस्तीय एकतावर्द्धक प्रार्थना सप्ताह का अर्थ केवल विचारों का आदान प्रदान नहीं है बल्कि यह एक दूसरे के वरदानों से समृद्ध होने का सुअवसर है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान काल में सुसमाचार की उदघोषणा के लिये यह अति आवश्यक है कि ख्रीस्त के सभी अनुयायी, उनकी इच्छा को याद करते हुए, एकता के सूत्र में बँधे। उन्होंने कहा कि प्रभु ख्रीस्त के सुसमाचार की उदघोषणा अलग रहकर नहीं अपितु एकता के सूत्र में बँधकर विश्वसनीय ढंग से की जा सकेगी।
विश्वास को समर्पित वर्ष के दौरान ख्रीस्तीय एकता हेतु प्रार्थना सप्ताह का मर्म समझाते हुए उन्होंने कहा कि ख्रीस्तीय धर्म के विश्वास के आधारभूत मूल्यों की पुनर्खोज करना ख्रीस्तीय एकतावर्द्धक अभियान की सबसे बड़ी चुनौती है।
कार्डिनल महोदय ने कहा कि ख्रीस्तीय एकतावर्द्धक अभियान कोई राजनैतिक अथवा कूटनैतिक अभियान नहीं है बल्कि यह विश्वास का अभियान है जिसमें ख्रीस्त के सभी अनुयायियों का आह्वान किया जाता है कि वे अपने सामान्य प्रेरितिक विश्वास की पुनर्खोज करें तथा इसके आध्यात्मिक पक्ष पर ध्यान देते हुए एकता के मार्ग पर आगे बढ़ें।








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