कर्नाटक, 18 जनवरी सन् 2013 (ऊका समाचार): कर्नाटक के ख्रीस्तीयों ने राज्य में अभिव्यक्ति
एवं प्रेस की स्वतंत्रता के प्रतिष्ठापन हेतु भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के हस्तक्षेप
की मांग की है। ख्रीस्तीय विद्यार्थी मंच सीएसएफ के सचिव जोसफ डायस ने कर्नाटक के
राज्यपाल एच.आरच भारद्वाज को पत्र लिखकर उनसे अनुरोध किया है कि वे भारतीय जनता पार्टी
के प्रशासन वाले कर्नाटक राज्य में व्याप्त अभिव्यक्ति एवं प्रेस की स्वतंत्रता की स्थिति
से भारत राष्ट्रपति को अवगत करायें। ख्रीस्तीय मंच की मांग है कि पुलिस कस्तूरी टी.वी.
के नवीन सूरीनजे तथा सहाय टी.वी. चैनल के पत्रकार शरण को तुरन्त रिहा करे। विगत वर्ष
28 जुलाई को मैंगलोर के एक भवन में विद्यार्थी एक युवा के जन्म दिन का जश्न मना रहे थे
कि हिन्दु चरमपंथी दल जागरण वेदिके के सदस्य अन्दर घुस आये तथा उन्होंने विद्यार्थियों
की पिटाई की। पुलिस ने भी चरमपंथियों का साथ दिया तथा दो पत्रकारों सहित 44 युवाओं
को गिरफ्तार कर लिया। मैंगलोर की पुलिस ने पत्रकारों पर दंगा फसाद, ग़ैरकानूनी आचरण तथा
महिलाओं की शिष्टता को भंग करने जैसे गम्भीर अरोप लगाये हैं। पत्रकारों का कहना है
कि उन्होंने पुलिस एवं चरमपंथियों की बर्बरता का पर्दाफाश किया था इसलिये उन्हें उत्पीड़ित
किया जा रहे है।