2013-01-17 14:16:30

रिमशा मसीह निर्दोष है


इस्लमाबाद, 17 जनवरी, 2013 (एशियान्यूज़) पाकिस्तान की सर्वोच्च न्यायालय ने ईशनिन्दा के आरोप में 14 वर्षीय रिमशा मसीह नामक एक ख्रीस्तीय बालिका के विरुद्ध की गयी अपील को अस्वीकार कर दिया है।

रिमशा मसीह के संबंध में न्यायालय ने निर्णय उस समय सुनाया जब 16 जनवरी को उसके बारे में अदालत में बहस हुई। न्यायधीशों ने पहली सुनवाई के बाद ही निर्णय दिया कि बालिका रिमशा निर्दोष है।

मालूम हो कि मानसिक रूप से अक्षम रिमशा को अगस्त 2012 में गिरफ़्तार किया गया, जमानत पर रिहा किया गया और बाद में उस बरी कर दिया गया।

राष्ट्रीय एकता के लिये प्रधानमंत्री के विशेष सलाहकार भट्टी ने कहा कि पाकिस्तानी ख्रीस्तीय न्यायालय के निर्णय से संतुष्ट हैं और उन्हें न्याय मिल गया है और स्पष्ट हो गया है कि रिमशा निर्दोष है।

उन्होंने कहा कि यह एक ‘तनावपूर्ण’ समय था पर अन्त में न्याय जीत गया है हमारे साथ कड़ी परीक्षा हुई पर अब हम संतुष्ट हैं।

मालूम हो कि रिमशा का केस उस समय सर्वोच्च न्यायालय में पहुँच गया था जब रिमशा पर आरोप लगाने वाले मलिक उम्माद ने निचले कोर्ट से बरी किये जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट में पुनः अपील की थी।

उनका दावा था कि उन्होंने लड़की को कुरान की प्रति जलाते देखा और खालिद जादून चिश्ती को इसके संबंध में जानकारी दी।

सर्वोच्च न्यायालय के जब रिमशा पर निर्णय सुनाया तब सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीश माननीय इफ़्तीकार मुहम्मद चौधरी के साथ अज़मत साईद और गुलज़ार अहमद भी मौजूद थे।

अदालत में रिमशा की ओर से उपस्थित तहिर नवीद चौधरी ने कहा, "सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय में पाकिस्तान के प्रति एक अच्छा संदेश दिया है कि न्याय सबको मिल सकता है।"











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