फिनलैंड के अन्तरकलीसियाई प्रतिनिधिमंडल को संत पापा का संदेश
वाटिकन सिटी, 17 जनवरी, 2013(सेदोक,वीआर) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने फिनलैंड के संरक्षक
संत हेनेरिक के पर्वोत्सव पर 17 जनवरी वृहस्पतिवार को फिनलैंड से आये एक प्रतिनिधिमंडल
को संबोधित किया। संत पापा ने कहा, ईश्वर चाहते हैं कि हम न्याय करें, दयालु बने
और नम्रतापूर्वक ईश्वर के मार्ग पर चलें। उन्होंने कहा ख्रीस्त जयन्ती काल का उत्सव
हाल ही में समाप्त हुआ है जो हमें संदेश देता है कि ईश्वर सदा हमारे साथ हैं। समय पूरा
होने उन्होंने शरीरधारण किया ताकि हमें पाप से बचा सकें। ईश्वर हमसे चाहते हैं कि हम
उनके मार्ग पर चलें, पवित्र, न्यायी और शांतिप्रिय बनें। उन्होंने कहा कि येसु के
शिष्य बनने का अर्थ है - ईश्वर के प्रति वफ़ादार होकर संकीर्ण मार्ग में एक साथ चलना। अन्तरकलीसियाई
एकता के लिये यह ज़रूरी है कि हम प्रार्थना करें, पवित्रता के मार्ग पर चलें और न्याय
तथा भ्रातृत्वपूर्ण समाज के लिये ईशशास्त्रीय अध्ययन में अपना योगदान दें। संत पापा
ने कहा कि जिस तरह की ‘डॉक्टरिन ऑफ़ जस्टिफिकेशन’ की संयुक्त घोषणा में कहा गया है कि
"हमें ईश्वर ने स्वीकार कर हमें अपनी आत्मा दिया ताकि हमारा दिल नया हो जाये और हम भले
और अच्छे कार्य करें।" संत पापा ने कहा कि फिनलैंड की अन्तरकलीसियाई प्रतिनिधिमंडल
के रोम आने से फिनलैंड और रोम का संबंध सुदृढ़ हुआ है। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि
येसु की आत्मा ख्रीस्तीयों का मार्गनिर्देशन करेगा और उनकी एकता मजबूत होगी ताकि वे दुनिया
की विभिन्न नैतिक मुद्दों को अपनी ज्योति से आलोकित कर पायेंगे।