वाटिकन सिटी, 16 जनवरी, 2013 (सेदोक, वी.आर) बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत
पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने वाटिकन स्थित पौल षष्टम् सभागार में एकत्रित हज़ारों तीर्थयात्रियों
को विभिन्न भाषाओं में सम्बोधित किया।
उन्होंने अंग्रेजी भाषा में कहा, ख्रीस्त
में मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, ख्रीस्त जयन्ती काल में हमने येसु के शरीरधारण के
रहस्य का उत्सव मनाया।
ईश्वर ने इस्राएल के सम्मुख बड़ी सरलता से स्वप्रकाशना
की। ईश्वर ने इस्राएल के सम्मुख जिस तरीके से अपने को प्रकट किया उसकी कल्पना पवित्र
धर्मग्रंथ के महान् नबी मूसा और अन्य नबियों ने की थी।
उन्होंने लोगों में इस
आशा को जागृत रखा था कि एक दिन ईश्वर अपनी प्रतिज्ञा पूरी करेंगे। यह प्रतिज्ञा पूरी
हुई मनुष्य बने ईशपुत्र येसु सच में हमारे साथ है जो मध्यस्थ और सब ईशप्रकाशनाओं की पूर्णता
हैं।
सच कहा जाये, तो येसु सभी प्रतिज्ञाओं की पूर्णता हैं। ईश्वर ने येसु के
चेहरे को हम पर प्रकाशित किया है। शरीरधारी पुत्र ईश्वर और मानव के बीच मध्यस्थ बनकर
ईश्वर के बारे में सिर्फ़ बातें नहीं करते पर वे ईश्वर के वास्तविक रूप को हमारे सामने
प्रकट करते हैं ताकि हम उन्हें पिता कह कर पुकार सकें। जैसा कि येसु ने प्रेरित फिलिप
से कहा था, "जिसने मुझे देखा है उसने पिता को देखा है।"
आज हम प्रार्थना करें
कि ईश्वर को देखने की हमारी इच्छा दिनोंदिन बढ़ती जाये और हम उन्हें अपनी प्रार्थनाओं,
ईशवचन के चिन्तनों और यूखरिस्तीय बलिदान और रोज़ दिन के जीवन में पहचान सकें।
येसु
को अपने रोज दिन के जीवन में पहचान पाने से हम एक दिन उनके राज्य में प्रवेश कर सकेंगे
और उनके अनन्त प्रकाश में सहभागी हो सकें।
इतना कह कर संत पापा ने अपनी धर्मशिक्षा
समाप्त की।
उन्होंने ‘कैथोलिक नियर ईस्ट वेलफेयर एसोसिएशन’ के तीर्थयात्रियों,
संत पौल सेमिनरी और अन्य युनिवर्सिटी के विद्यार्थियों का अभिवादन किया।
तब उन्होंने
ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और देश-विदेश के तीर्थयात्रियों, उपस्थित लोगों तथा उनके परिवार
के सदस्यों को प्रभु के प्रेम, प्रकाश और शांति की कामना करते हुए उन्हें अपना प्रेरितिक
आशीर्वाद दिया।