2013-01-14 14:10:42

इस्राएल-फिलीस्तीन समस्या के समाधान को सर्वोच्च प्रमुखता दे सरकार


वॉशिंगन, 14 जनवरी, 2013 (सीएनए) अमेरिका के धार्मिक नेताओं ने राष्ट्रपति बाराक ओबामा और उनकी सरकार से मांग कि है इस्राएल-फिलीस्तीन समस्या के समाधान को अपने दूसरे कार्यकाल में सर्वोच्च प्रमुखता दे।
अपने माँग को दोहराते हुए विभिन्न कलीसिया के 35 ईसाई संगठनों ने सरकार से निवेदन किया कि यह उचित समय है जब अमेरिका फिलीस्तीन और इस्राएल दोनों की मदद करे ताकि शांति और व्यवस्था कायम हो सके।
7 जनवरी को लिखे अपने पत्र में अमेरिकी राष्ट्रपति बाराक ओबामा से कहा कि इस्राएल और फिलीस्तीन के मामले में यथावत स्थिति बरकरार रहना क्षेत्र में हिंसा और संकट की स्थिति को बनाये रखना है।
अपने प्रतिवेदन में उन्होंने लिखा, "अपने दूसरे कार्यकाल में आपके लिये यह एक सुनहला समय है कि आपकी सरकार समस्या के समाधान में अग्रणी भूमिका अदा करे।
पत्र में हस्ताक्षर करने वालों में शांति और न्याय के लिये बनी धरमाध्यक्षीय समिति के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष जे, मोईनेस के बिशप रिचर्ड ई. पातेस के अलावा एपिस्कोपालियन बैपटिस्ट, लूथरन और अन्य कलीसिया के सदस्य़ शामिल हैं।
धार्मिक नेताओं ने कहा कि शांति और मेलमिलाप के लिये समर्पित नेताओं के रूप में हम चाहते हैं कि आपकी सरकार फिलीस्तीन और इस्राएल की पावन धऱती के लिये न्यायपूर्ण स्थायी और सौहार्दपूर्ण शांति समझौता करने में योगदान दे।
इस संबंध में अमेरिकी धर्माध्यक्षीय परिषद के अध्यक्ष न्यूयॉर्क के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल तिमोथी एम. दोलन ने कहा कि एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल का गठन हो ताकि शांति और न्याय के लिये कार्य किया जा सके।
उन्होंने कहा कि फिलीस्तीन इस्राएल संकट के कारण दोनों को इसका मूल्य चुकाना पड़ रहा है विशेषकर के वर्षों से बड़ी सख्या रह रही ख्रीस्तीय समुदाय का पलायन चिंताजनक है।
कार्डिनल दोलन ने कहा कि अमेरिकी नेतृत्व को चाहिये कि वे इस्राएल और फिलीस्तीन दोनों को एक ऐसी ‘आशा प्रदान करे जो हिंसामुक्त और शांतिपूर्ण’ हो।


















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