यूनाइटेड किंगडम, 3 जनवरी, 2012 (कैथन्यूज़) वेस्टमिन्सटर के महाधर्माध्यक्ष विंसेट निकोल्स
ने काथलिक गिरजाघरों में समलिंगियों (गे लोग) के लिये होने वाले विशेष मिस्सा पूजा को
समाप्त कर दिया है। महाधर्माध्यक्ष निकोल्स ने इसका स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि काथलिक
कलीसिया की शिक्षा है कि विवाह में यौन क्षमता का प्रयोग तब ही किया जाना चाहिये जब विवाह
नर और नारी के बीच सम्पन्न हो और दम्पति प्रजनन और नव मानव शिशु की देखभाल के लिये तैयार
हो। उन्होंने कहा, "जैसा कि उन्होंने मार्च 2012 में कहा था कि कई प्रकार के यौन
क्रिया-कलाप है पर समलिंगी क्रियाकलाप कलीसियाई शिक्षा के अनुरूप नहीं है।" महाधर्माध्यक्ष
ने इस बात को दुहराया कि समलिंगियों को मेषपालीय सेवा का लाभ मिलता रहेगा पर उनके लिये
लंदन के ‘आवर लेडी ऑफ असम्पशन’ गिरजाघर में यूखरिस्तीय बलिदान नहीं चढ़ाया जायेगा। उन्होंने
कहा कि समलिंगी दलों के लिये एक विशेष स्थान का चयन किया गया है जहाँ उनकी अन्य ज़रूरतों
को पूरा किया जायेगा। समलिंगियों के एक दल ने बीबीसी समाचार को बताया कि वे महाधर्माध्यक्ष
के निर्णय से निराश हैं।