वाटिकन सिटीः स्वार्थगत मानसिकता तथा धनी एवं निर्धन वर्ग के बीच बढ़ती खाई के बावजूद
शांति के कार्य जारी हैं, बेनेडिक्ट 16 वें (नववर्ष ख्रीस्तयाग प्रवचन)
वाटिकन सिटी, 01 जनवरी सन् 2012 (सेदोक): नववर्ष यानि पहली जनवरी के दिन काथलिक कलीसिया
ईश माता मरियम का महापर्व मनाती है। यह दिन काथलिक कलीसिया द्वारा विश्व शांति दिवस भी
घोषित किया गया है। नववर्ष सन् 2013 का शुभारम्भ करते हुए सन्त पापा बेनेडिक्ट 16
वें ने, रोम स्थित सन्त पेत्रुस महामन्दिर में ख्रीस्तयाग अर्पित किया। ख्रीस्तयाग के
अवसर पर प्रवचन करते हुए उन्होंने इस बात पर बल दिया कि स्वार्थगत मानसिकता तथा धनी एवं
निर्धन वर्ग के बीच बढ़ती खाई के बावजूद विश्व में आज भी शांति के कार्य जारी हैं।
सन्त पापा ने कहा, "हालांकि, दुर्भाग्य से विश्व में तनाव एवं संघर्ष बने हुए हैं
तथा स्वार्थी एवं व्यक्तिपरक मानसिकता एवं अनियमित वित्तीय पूंजीवाद के परिणामस्वरूप
अमीर और ग़रीब के बीच असमानताएँ बढ़ती जा रहीं हैं तथापि अभी भी शांति की अनेक पहलें
सम्पादित की जा रही हैं।" उन्होंने कहा, "मैं आश्वस्त हूँ कि प्रत्येक के हृदय में
शांति की अभिलाषा है और यह अभिलाषा परिपूर्ण, आनन्दमय एवं सफल जीवन की इच्छा में अभिव्यक्ति
पाती है।" उन्होंने कहा, "मनुष्य शांति में जीवन यापन करने के लिये सृजित किया गया है,
शांति जो ईश्वर का वरदान है।" सन्त मत्ती रचित सुसमाचार में निहित प्रभु येसु के शब्दों
को उद्धृत कर उन्होंने कहा, "धन्य हैं वे जो शांति के निर्माता क्योंकि वे ईश्वर के पुत्र
कहलायेंगे।" यथार्थ शांति पर मनन करते हुए सन्त पापा ने कहा, "हमारी शांति की आधारशिला
येसु ख्रीस्त तथा पिता ईश्वर के मुखमण्डल पर चिन्तन करने की निश्चित्तता है। यह आश्वासन
कि हम ईश्वर की सन्तान हैं और इस प्रकार जीवन पथ पर उस सुरक्षा की अनुभूति पाना जो एक
नन्हा बच्चा अपने पिता की बाँहों में पाता है। ईश्वर के मुखमण्डल पर चिन्तन ही हमारी
शांति का स्रोत है, शांति ईश्वर द्वारा हमें प्रदत्त एक अनुपम वरदान है जिसे हम सदैव
अपने हृदय में संजोए रखें।"