2012-12-19 12:06:22

न्यू यॉर्कः संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव ने किया विवेकी आप्रवास नीतियों का आह्वान


न्यू यॉर्क, 19 दिसम्बर सन् 2012 (सेदोक): 18 दिसम्बर को अन्तरराष्ट्रीय आप्रवास दिवस मनाया गया। इस उपलक्ष्य में प्रकाशित अपने सन्देश में संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव बान की मून ने विवेकी आप्रवास नीतियों का आह्वान किया है।
उन्होंने कहा कि वैश्विक आर्थिक और वित्तीय संकट के इस समय में यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है कि आप्रवासियों के अधिकारों पर ध्यान दिया जाये। उन्होंने कहा कि आर्थिक संकट के चलते लगभग सभी देश बजट में कमी कर रहे हैं तथा कठोर वित्तीय नियमों को अपना रहे हैं। ऐसी स्थिति में, उन्होंने कहा, "आप्रवासियों के विरुद्ध भेदभाव बढ़ रहा है, नस्लगत हिंसा ज़ोर पकड़ रही है तथा अनियमित आप्रवासियों के खिलाफ हिंसा को प्रश्रय मिल रहा है।"
महासचिव बान की मून ने कहा कि आर्थिक संकट के इस दौर में यह नहीं भुलाया जाना चाहिये कि "वर्तमान विश्व में अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्र आप्रवासी कामगारों एवं मज़दूरों पर निर्भर हैं तथा आप्रवासी उद्यमी रोज़गार के अवसर पैदा कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "जब आप्रवास नीतियाँ ध्यान दिये बग़ैर बनाई जाती हैं तब आप्रवासी भेदभाव, शोषण तथा सस्ती मज़दूरी का शिकार बनाये जाते हैं तथा विफल आर्थिक एवं सामाजिक नीतियाँ कथित "अवैध प्रवास" के विरुद्ध कुपरिभाषित जंग लड़ती रहती हैं।"
महासचिव ने कहा, "ऐसी स्थिति में जब मानव गतिशीलता और अधिक जटिल हो गई है तथा आप्रवासियों की यात्राएँ ख़तरनाक बन गई हैं यह पहले से कहीं अधिक ज़रूरी हो गया है कि मानवाधिकार के सिद्धान्तों पर आधारित राष्ट्रीय आप्रवास नीतियाँ विकसित की जायें।"
महासचिव बान की मून के अनुसार विश्व व्यापी स्तर पर आज कम से कम 21 करोड़ चालीस लाख लोग एक देश से दूसरे देश का रुख कर रहे हैं।








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