2012-12-17 14:40:36

ईश्वर की उपस्थिति का आभास होना, प्रसन्न होने के लिये काफ़ी


वाटिकन सिटी, 17 दिंसंबर, 2012(न्यूज़.वीए) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने कहा कि अविश्वास, निराशा और विभिन्न दुःखों के बावजूद हम विश्वास करते हैं कि ईश्वर हमारे बीच उपस्थित हैं। ईश्वर की उपस्थिति का आभास होना ही हमारे दिल को प्रसन्न करने के लिये काफ़ी है।

उक्त बात संत पापा ने उस समय कही जब उन्होंने आगमन के तीसरे रविवार 16 दिसंबर को रोम के निकट कोल्ले प्रेनिस्तिनो के संत पैट्रिक गिरजाघर में मिस्सा बलिदान अर्पित किया और प्रवचन दिये।

संत पापा ने कहा,"येसु मसीह ने मानव को मुक्ति प्रदान की। उन्होंने ईश्वर के साथ एक नया संबंध कायम किया जिसके द्वारा मानव बुराई और मृत्यु पर विजय प्राप्त किया। यही है सच्चा आनन्द। यही ईश्वर की उपस्थिति हमें अँधेरे एवं स्वार्थ के बीच भी आलोकित करता है।"

संत पापा ने संत पैत्रिक पल्ली के लोगों को इस बात की भी याद दिलायी कि अगर हम अपने पापों के कारण ईश्वर से दूर भी क्यों न हो जायें फिर भी वे हमारी प्रार्थनाओं को कभी भी अस्वीकार नहीं करते।

उन्होंने कहा, "कई बार ईश्वर हमारी प्रार्थनाओं को उत्तर वैसा नहीं देते जैसा हम चाहते हैं पर वे ‘एम्मानुएल’ हैं अर्थात् ‘ईश्वर हमारे साथ’। ईश्वर हमारे साथ यूखरिस्तीय बलिदान और जीवन्त कलीसिया में विद्यमान हैं।"

संत पापा ने कहा, "हमें चाहिये कि हम ईश्वर की उपस्थिति के वाहक बनें और उसके उपहारों को कृतज्ञपूर्ण प्रेम से ग्रहण करें। जो व्यक्ति ईश्वर को स्वार्थी मन से स्वीकार करता है, उसे सच्चा आनन्द प्राप्त नहीं होता है। जो व्यक्ति ईश्वर के वरदान को ग्रहण करता और उसे कृतज्ञतापूर्ण ह्रदय से प्यार करता है, उसका दिल आनन्द से भर जाता है।"
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