वाटिकन सिटी, 15 दिसंबर, 2012 (सेदोक,वीआर) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने 15 दिसंबर,
शनिवार को 50वें विश्व बुलाहट के लिये प्रार्थना दिवस के लिये संदेश जारी किया। विश्व
बुलाहट प्रार्थना दिवस अगले वर्ष 21 अप्रैल को मनाया जायेगा।
बुलाहट के लिये
प्रार्थना दिवस की विषयवस्तु है ‘बुलाहट है- विश्वास पर आधारित आशा’। विदित हो कि ईश्वर
के सेवक पौल षष्टम् ने इस बुलाहट के लिये प्रार्थना दिवस की शुरुवात 11 अप्रील सन् 1964
ईस्वी को दिये गये रेडियो संदेश से की थी।
संत पापा ने अपने संदेश में कहा है
कि आशा साकारात्मक इन्तजार है। इसलिये आशा करने का अर्थ है ईश्वर पर भरोसा रखना, जो अपने
वफ़ादार है और अपनी प्रतिज्ञायें प्रेमपूर्वक पूरी करता है।
ईश्वर ने अपने प्रेम
को हम पर पवित्र आत्मा के रूप में उँडेला है और येसु मसीह अपने पुत्र को देकर प्रकट किया
है।
संत पापा ने कहा कि पुरोहिताई या धर्मसमाजी जीवन की बुलाहट येसु के साथ व्यक्तिगत
रूप से मिलने से उत्पन्न होती है इसलिये यह ज़रूरी है कि हमें विश्वास में बढ़े और येसु
के साथ अपना संबंध गहरा बनायें और उसकी आवाज़ को अपने अंतःकरण में सुने।
संत
पापा ने कहा कि पुरोहित और धर्मसमाजी ईश्वर द्वारा बुलाये जाते हैं ताकि वे ईश्वर और
लोगों की सेवा निःस्वार्थ भाव से कर सकें। वे पूर्ण विश्वास के साथ सुसमाचार और कलीसिया
के लिये अपने सेवायें प्रदान करें जो ईश्वर के प्रति खुले और उदार होने से प्राप्त होती
है।
संत पापा ने युवाओं से कहा कि वे येसु का अनुसरण करने से न डरें और उसके
बताये मार्ग पर साहस प्रेम और उदारतापूर्ण भाव से चलें और तब ही वे प्रसन्न मन से ईश्वर
की सेवा कर पायेंगे और उस खुशी का साक्ष्य देंगे जिसे दुनिया नहीं दे सकती और वे दुनिया
को एक नयी आशा प्रदान करेंगे जो उनके अन्दर है।