संत पापा पर लिखी गयी किताब है ‘आत्मा को झाँकने का झरोखा’
वाटिकन सिटी, 14 दिसंबर, 2012 (कैथन्यूज़) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें और तालाब में मच्छलियों
के बारे में लिखी गयी किताब ‘को ‘आत्मा को झाँकने का झरोखा’ कहा गया है। विदित हो
बुधवार 12 दिसंबर को जब संत पापा ने पहली बार ट्वीट किये उसी दिन ‘दि मिस्टिरिस ऑफ द
लिटल पॉन्ड’ नामक एक कहानी किताब का भी विमोचन हुआ। ‘द मिस्टिरी ऑफ द लिटल पॉन्ड’
में एक युवा गोल्डफिश की कहानी बतलायी गयी है जिसे सफेद वस्त्र पहने एक व्यक्ति से प्यार
है। यह व्यक्ति ग्रीष्मवाकाश में गोल्डफिश को रोटी खिलाता हैँ। संत पापा के घरेलु
मामलों के अध्यक्ष और निजी सचिव मान्यवर जोर्ज गायन्सवेन के अनुसार यह इस कहानी से संत
पापा के दिल की कोमलता और प्रकृति-प्रेमी होने की स्पष्ट झलक है। उन्होंने माता-पिताओं
से कहा कि वे अपने बच्चों के लिये इस किताब की कहानी को जोर से पढ़कर सुनायें और आप उसमें
से संत पापा के जीवन की झलक पायेंगे। 24 पृष्ठों वाली इस किताब को को रूसी लेखिका
नतालिया ने लिखा है और इसमें उन्होंने पेंटिंग भी की है। किताब के आवरण में संत पापा
की तस्वीर है जो मछलियों को रोटी खिला रहे हैं। एक तालाब की भी तस्वीर है जो एक प्राचीन
रोमी महल के खंडहर में अवस्थित है जहाँ माता मरिया की प्रतिमा भी है। गोल्डफिश माता मरिया
को एक महत्वपूर्ण महिला के रूप में देखती है। कास्तेल गंदोल्फो के संत पापा के परमधर्मपीठीय
प्रासाद के मैनेजर पेतरिल्लो ने बताया कि अन्य संत पापाओं के भिन्न संत पापा बेनेदिक्त
सोलहवें ने जीव-जन्तुओं के प्रति अपनी विशेष रुचि दिखलायी है।