2012-12-13 16:03:57

पोप के प्रतिनिधि द्वारा एफएबीसी के धर्माध्यक्षों से सुसमाचार प्रचार पर जोर देने का आग्रह


वियतनाम 13 दिसम्बर 2012 (सीएनए) एशियाई काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों के संघ की बैठक को सम्बोधित करते हुए संत पापा के प्रतिनिधि कार्डिनल गाउदेन्सियो रोसालेस ने कहा कि विगत चार दशक एशिया में सुसमाचार प्रचार के लिए कृपा से भरी अवधि रही है। उन्होंने बैठक में भाग ले रहे धर्माध्यक्षों का आह्वान किया कि आनेवाले वर्षों में भी वे सुसमाचार प्रचार पर जोर दें। वियतनाम के हनोई में सम्पन्न हो रही यह बैठक एफएबीसी की सन 1972 में स्थापना होने के बाद से 10 वीं पूर्णकालिक बैठक है।
मनीला के सेवानिवृत्त महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल गाउदेन्सियो रोसालेस ने कहा कि एशिया महादेश विश्व के शेष भाग से भिन्न है क्योंकि बारम्बार इसे विश्व के महान धर्मों का घर कहा गया है। तथापि अरबों लोगों के सामने येसु के बारे में पहली बार भी कुछ नहीं कहा गया है। यहाँ तक कि जिन देशों को पहले ईसाई देश कहा जाता था वहाँ भी फिर से प्रभु येसु को ग्रहण करने की बड़ी जरूरत है लेकिन इस बार गहन रूप में नये और प्रेम से भरे स्वागतपूर्ण तरीके से।
उन्होंने कहा जैसा कि सुसमाचार प्रचार केवल येसु में संभव होता है, चर्च में नवीनीकरण का अर्थ होगा नवीनीकरण के द्वारा येसु के प्रति नवीकृत मनपरिवर्तन अर्थात् दिल को बुराई से दूर करना जो पाप द्वारा कठोर हो गया है।
कार्डिनल रोसालेस ने कहा कि हम येसु में ईश्वर के साथ मेलमिलाप कर सकते हैं। हम ईश पुत्र येसु में ही पिता ईश्वर को जान सकते हैं। हमें येसु के आकर्षण का पुनः आविष्कार करने की जरूरत नहीं है वे पहले से ही सब राष्ट्रों की इच्छा हैं। ख्रीस्त के प्रति इस चाह को बढ़ावा देने की जरूरत है, इस सत्य के प्रति जागरूक हों कि शांति, मुक्तिदाता येसु के प्रति उत्कंठा है।
कार्डिनल रोसालेस ने कहा कि उन ईसाईयों का जीवन जो बपतिस्मा संस्कार के समय मिले दायित्वों को प्रतिबिम्बित नहीं करता है उन्हें सहायता करने की जरूरत है ताकि वे पुनः ख्रीस्त का साक्षात्कार कर सकें। हम उस प्रेम से अनुप्राणित होकर जिसकी जडें ख्रीस्त में है सदैव मैत्री भाव में लोगों के साथ संवाद करें।








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