2012-12-10 20:37:38

‘मिशनरी स्पिरिट’ और उत्साहपूर्ण उदारता की ज़रूरत


वाटिकन सिटी, 10 दिसंबर, 2012 (वीआर, अंग्रेज़ी) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने कहा, "सार्वभौमिक कलीसिया आशा करती है कि अमेरिका की कलीसिया ‘मिशनरी स्पिरिट, उत्साह एवं उदारतापूर्ण योगदान दें।"

संत पापा ने उक्त बात उस समय कही जब उन्होंने अमेरिकी कार्डिनलों, पुरोहितों, धर्मसमाजियों और लोकधर्मियों को रविवार 9 दिसंबर को संबोधित किया।

मालूम हो कि अमेरिकी धर्माध्यक्षों की सिनॉद के 15 वर्ष पूरा के अवसर पर अमेरिकी कलीसिया के सदस्य अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के आरंभ में यूखरिस्तीय समारोह में हिस्सा लेने के लिये संत पेत्रुस महागिरजाघर में एकत्र थे। यह सेमिनार 9 से 11 तक जारी रहेगा।

मिस्सा पूजा का आयोजन धर्माध्यक्षों को लिये बनी परमधर्मपीठीय समिति के प्रीफेक्ट कार्डिनल मार्क क्विलेट द्वारा बुलाया गया था। कार्डिनल क्विलेत लैतिन अमेरिकी परमधर्मीपीठीय आयोग के अध्यक्ष भी हैं।

यूखरिस्तीय बलिदान के अंत में संत पापा ने कहा की लैतिन अमेरिकी कलीसिया के सामने कई चुनौतियाँ हैं विशेष करके लोगों की धार्मिक उदासीनता और अन्य धार्मिक समुदायों के द्वारा उठायी गयी समस्यायें।

संत पापा ने कहा, "आज ज़रूरत है लोगों को शिक्षा देने की ताकि जीवन रक्षा संस्कृति का विस्तार हो और मानव मर्यादा और जीवन रक्षा को क्षति पहुँचाने वाली मानसिकता को रोका जा सके।"

संत पापा ने कहा कि हमें चाहिये कि हम मादक वस्तुओं के व्यापार, भ्रष्टाचार, हिंसा और सुनियोजित अपराध के प्रति सचेत हो और उसके समाधान में अपना योगदान दें।
उन्होंने कहा, "ईश्वर का प्रेम हमें प्रेरित करे ताकि हम पूरे अमेरिकी राष्ट्रों को सुसमाचार सुनायें। लोग ईश्वर के भूखे हैं।"

"आज ज़रूरत है कि पुरोहित, डीकन, धर्मसमाजी पुरुष और महिलायें पूरे उत्साह और समर्पण से कार्य करें और लोगों के दिल को साफ करें। इसके लिये ज़रूरी है धर्मशिक्षा, ख्रीस्तीय सिद्धांतों का अध्ययन, ईश्वरवचन का अध्ययन और कलीसिया के प्रति वफ़ादारी।"










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