2012-12-10 16:29:30

देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ करने से पूर्व संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें का संदेश


वाटिकन सिटी 10 दिसम्बर 2012 (सेदोक जेनिथ) संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने रविवार 9 दिसम्बर को संत पेत्रुस बासिलिका के प्रांगण में देश विदेश से आये हजारों तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ करने से पूर्व इताली भाषा में सम्बोधित करते हुए कहा-
अतिप्रिय भाईयो और बहनो,
आगमन काल में पूजनधर्मविधि हमारे सामने विशेष रूप से दो छवियों को प्रस्तुत करती है जो मसीह का पथ तैयार करते हैं- कुँवारी मरिया और जोन बपतिस्ता। आज संत लूकस जोन बपतिस्ता को प्रस्तुत करते हैं तथा इसे कुछ इस तरह प्रस्तुत करते हैं जो अन्य सुसमाचार लेखकों से भिन्न है। चारों सुसमाचार जोन बपतिस्ता को येसु की गतिविधियों से पूर्व प्रस्तुत करते हैं तथा वे उसे उनके अग्रदूत के रूप में पेश करते हैं।


संत लूकस दोनों छवियों के संयोजन और उनके मिशन की ओर ले चलते हैं। गर्भधारण और जन्म दोनों में येसु और जोन बपतिस्ता को एक दूसरे के साथ संबंध बताया गया है। यह परिप्रेक्ष्य हमें समझने में सहायता करता है कि जोन, जहाँ तक जखरियस और एलिजाबेथ का बेटा है, दोनों याजक परिवार से हैं, न केवल नबियों में अंतिम है, लेकिन साथ ही पुरानी संहिता के सम्पूर्ण पौरोहिताई का प्रतिनिधित्व करता है और इस प्रकार नये विधान की आध्यात्मिक आराधना के लिए लोगों को तैयार करता है जिसका उदघाटन येसु ख्रीस्त करते हैं। इसके साथ ही संत लूकस हर इस मिथक पठन को समाप्त करते हैं जिनका उपयोग जोन के जीवन के ऐतिहासिक संदर्भ के बारे में कहते हुए बहुधा सुसमाचार के लिए किया जाता है। कैसर तिबेरियस के शासनकाल के पन्द्रहवें वर्ष में पोंतियुस पिलातुस यहूदिया का राज्यपाल था ......जब अन्नस और कैफस प्रधानयाजक थे। ( संत लूकस 3,1-2) इस ऐतिहासिक संदर्भ में इतिहास की महान घटना घटित होती है, येसु ख्रीस्त का जन्म, इसके बारे में उस समय अन्यों ने महत्व नहीं दिया। ईश्वर के लिए, इतिहास की महान घटनाएं वे हैं जो छोटे हैं।

जोन बपतिस्ता अपने बारे में कहते हैं- निर्जन प्रदेश में पुकारने वाले की आवाज़। प्रभु का मार्ग तैयार करो उसके पथ सीधे कर दो। (संत लूकस 3, 4) यह पुकार वचन की उदघोषणा करता है लेकिन इस मामले में ईश्वर का वचन पहले आता है जैसा कि यह जोन, जखारियक के बेटें पर मरूस्थल में उतरता है। इसलिए उसे एक महान भूमिका अदा करनी है लेकिन हमेशा ख्रीस्त के संदर्भ में काम करना है। संत अगुस्टीन टिप्पणी करते हैं- जोन पुकार है प्रभु का तथापिक कहा गया है आदि में शब्द था (योहन 1 1) योहन पुकार है जो पार होती है, ख्रीस्त अनन्त शब्द हैं जो आदि में थे। यदि शब्द को पुकार से निकाल दिया जाये तो क्या बचा रह जाता है ? केवल अस्पष्ट आवाज़। शब्द रहित आवाज़ या पुकार हमारे श्रवण को प्रभावित करती है लेकिन हमारी आत्मा का पोषण नहीं करती है। आज हमारा काम है कि पुकार को सुनें तथा हमारे दिल में येसु का स्वागत कर उसे स्थान दें, वह शब्द, जो हमें बचाता है। आगमन के इस काल में बेथलेहेम के साधारण ग्रोटो में ईश्वर की मुक्ति को हम विश्वास की आँखों से देखने की तैयारी करें। उपभोक्तावादी समाज में जिसमें हमें वस्तुओं में हमारी खुशी को ढूढ़ने का प्रलोभन मिलता है, जोन बपतिस्ता सिखाते हैं कि अपरिहार्य जरूरतों को पूरा करते हुए जीवन जीयें ताकि क्रिसमस न केवल बाह्य समारोह बन कर रह जाये लेकिन ईश पुत्र का समारोह हो जो लोगों के लिए शांति, जीवन और सच्ची खुशी देने के लिए आये हैं।

आगमन की कुँवारी, मरिया की ममतामयी मध्यस्थता में हम प्रभु की ओर अपने पथ को सौंपते हैं जो आ रहे हैं इम्मानुएल, ईश्वर हमारे साथ, उनका अपने दिल और अपने सम्पूर्ण जीवन में स्वागत करने के लिए हम तैयार हैं।

इतना कहने के बाद संत पापा ने देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ किया और सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।








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