रोम, 8 दिसंबर, 2012 (वीआर, अंग्रेज़ी) रोबर्ट बेडेन पौल द्वारा युवाओं के लिये सन् 1908
में स्थापित स्काउट संगठन अपने करार से ‘ईश्वर के प्रति अपनी निष्ठा’(डू माय ड्यूटी टू
गॉड) वाक्यांश को को हटाने का निर्णय लिया है। स्काउट आंदोलन के अध्यक्ष ने इस आशय
की जानकारी देते हुए वृहस्पतिवार 6 दिसंबर को बतलाया कि अब इस आंदोलन से जुड़ने वाले
युवा अपने करार या प्रतिज्ञा दोहराते समय ईश्वर के नाम का उच्चारण नहीं करेंगे। इस
तरह से वे नास्तिकों की तरह ईश्वर का नाम लिये बग़ैर ही अपने करार दोहरायेंगे। विदित
हो कि सन् 1908 में स्काउट की स्थापना के समय से ही इसके संस्थापक रोबर्ट बेडेन पौवेल
ने एक करार लिखा था जिसमें ‘ईश्वर के प्रति अपनी निष्ठा’ की बात कही गयी थी। यह परंपरा
एक सौ से अधिक सालों तक प्रचलित रहा। मालूम हो, ईसाई, हिन्दु, मुस्लिम, और सिक्ख
सबों के लिये एक ही प्रार्थना थी जिसे अलग-अगल भाषाओं में अनुवाद किया गया था। इन धर्मों
के अलावा अन्य लोगों के लिये एक वैकल्पिक करार की रचना भी की गयी थी पर इसका स्वरूप भी
धार्मिक ही था। स्काउट के अध्यक्ष ने बतलाया कि करार के स्वरूप को परिवर्तित किया
गया है ताकि इस आंदोलन को विश्वव्यापी बनाया जा सके और दुनिया के अन्य समुदाय के लोग
भी इससे लाभान्वित हों। ज्ञात हो कि पिछले कुछ वर्षों से स्काउट संगठन पर वैसे लोगों
का दबाव था जो अपने को धर्मनिर्पेक्ष मानते हैं और करार के धार्मिक स्वरूप को बदलने की
माँग की थी।