2012-12-05 12:13:10

संत पापा की धर्मशिक्षा, 5 दिसंबर, 2012


वाटिकन सिटी, 5 दिसंबर, 2012 (सेदोक, वी.आर) बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने वाटिकन स्थित पौल षष्टम् सभागार में एकत्रित हज़ारों तीर्थयात्रियों को विभिन्न भाषाओं में सम्बोधित किया।

उन्होंने अंग्रेजी भाषा में कहा, ख्रीस्त में मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, ‘विश्वास वर्ष’ के अवसर पर हम आज के आमदर्शन समारोह की धर्मशिक्षा में ‘विश्वास’ विषय पर चिन्तन करना जारी रखें।

पिछले सप्ताह हमने ‘ ख्रीस्तीय विश्वास को दूसरों को बतलाने’ के बारें में जानकारी प्राप्त की आज जब आगमन काल में प्रवेश कर चुके हैं तो आइये हम ईश्वर की मुक्ति योजना के बारे में चिन्तन करें।

एफेसियों के नाम लिखे अपने पत्र में प्रेरित संत पौल ने जिस गीत से पत्र की शुरुआत की है वह कहता है ‘ईश्वर ने दुनिया की सृष्टि से पहले हमें प्रेममयी दया से येसु ख्रीस्त में चुना ताकि हम उसके दत्तक पुत्र-पुत्रियाँ बन जायें’।

ईश्वर की योजना सबों को येसु ख्रीस्त में एक कर लेता है और उन्हीं में पूरी सृष्टि पूर्णता प्राप्त करती है।

उन्होंने अपनी योजना को हमें प्रकट किया है जिसकी शुरुआत अपने पुत्र के शरीरधारण और पवित्र आत्मा के उतरने से होती है।

ईश्वर ने अपने आपको येसु में प्रकट किया जो हमारे दिल की आकांक्षा और आशा को के अनुरूप है। यह हमें आमंत्रित करता है कि हम विश्वासपूर्ण आज्ञाकारिता के साथ अपने-आपको ईश्वर को चढ़ायें।

विश्वास हमें इस बात के लिये आमंत्रित करता है कि हम स्वतंत्र मन और दिल से दिव्य प्रकाशना को स्वीकार और ईश्वर की ओर लौटें तथा दुनिया की सभी सच्चाइयों को नये तरीके से देखें।

इस आगमन के समय, आइये हम ईश्वर की मुक्ति योजना पर गहराई से चिन्तन करें और यह प्रयास करें कि हम लोगों के लिये उनकी दिव्य उपस्थिति का जीवन्त चिह्न बन सकें।

इतना कह कर संत पापा ने अपनी धर्मशिक्षा समाप्त की।


उन्होंने मिलवाउकी महाधर्मप्रांत के तीर्थयात्री दल के सदस्यों और अरडिंगली कॉलेज के अंगलिकनों का अभिवादन किया।

उन्होंने ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के तीर्थयात्रियों, उपस्थित लोगों तथा उनके परिवार के सदस्यों पर प्रभु की कृपा और शांति की कामना करते हुए उन्हें अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।












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