लोकधर्मियों को नये सुसमाचार प्रचार के सहभागी बनायें
पटना. 3 दिसंबर, 2012 (कैथन्यूज़) भारत के ‘बिझान’ (बिहार और झारखंड राज्य) के लोकधर्मियों
ने पटना में सम्पन्न सभा में धर्माध्यक्षों, पुरोहितों और धर्मसमाजियों से अपील की है
कि वे लोकधर्मियों के प्रति कठोर न बनें और उन्हें भी नये सुसमाचार की प्रक्रिया में
शामिल करें। उक्त बात सिमडेगा धर्मप्रांत निवासी झारखंड के पूर्व महालेखाकार श्री
बेंजामिन लकड़ा ने उस समय कही जब उन्होंने ‘बिझान’ की तीन दिवसीय महासभा में करीब 70
प्रतिनिधियों को संबोधित किया। श्री लकड़ा ने कहा कि भारत की पवित्र भूमि कई धर्मों
की जन्मस्थली है यहाँ नया सुसमाचार प्रचार करना हम सबों का परम कर्तव्य है। उन्होंने
सभा में ‘नये सुसमाचार का ईशशास्त्रीय आधार’ (‘थियोलोजीकल फाउन्डेशन ऑफ न्यू एवानजेलाइजेशन’)
विषय पर एक वक्तव्य दिया। उन्होंने पुरोहितों, धर्मसमाजी भाई-बहनों से अपील की कि वे
नये सुसमाचार का साक्ष्य दें। उन्होंने कहा, "भारत की 1.2 अरब जनता के साथ वार्ता
करने और विशेषकर के देश को गरीबी की दासता से मुक्ति दिलाने के क्षेत्र में हमारे पास
कई अवसर है।" सभा को संबोधित करते हुए पटना जेस्विट प्रोविन्स के फादर दियोनिसियुस
रसक्विनहा ने कहा कि काथलिक कलीसिया को चाहिये कि वह युवाओं और प्रवासियों और विशेष करके
महिलाओं को समानता का अधिकार दिलाने के लिये कार्य करे। उधर सिस्टर उर्मिला का मानना
है कि धर्मसमाजियों को चाहिये कि वे एक-दूसरे के कार्यों की सराहना करे। उन्होंने महिलाओं
के आर्थिक सशक्तिकरण पर दिया और कहा कि महिलाओं के अधिकारों और शिक्षा के प्रति कलीसिया
अपना योगदान दे।