देवसहायम पिल्लई की ‘धन्य घोषणा समारोह’ कोट्टार में 2 दिसंबर को
कन्याकुमारी, 1 दिसंबर, 2012 (कैथन्यूज़) वाटिकन तमिलानाडू के कोत्तार धर्मप्रांत के
शहीद देवसहायम पिल्लई को एक भव्य समारोह में 2 दिसंबर रविवार को ‘ब्लेसेड’ अर्थात् ‘धन्य’
घोषित करेगा। इस समारोह में संत प्रकरण के लिये बनी परमधर्मपीठीय समिति के प्रीफेक्ट
कार्डिनल अंजेलो अमातो कोट्टार जा रहे हैं। कार्डिनल अमोतो के अलावा सीबीसीआई के
अध्यक्ष और मुम्बई के महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल ऑस्वाल्ड ग्रेशियस और
सीसीबीआई के अध्यक्ष राँची के महाधर्मप्राँत के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल तेलेस्फोर पी.
टोप्पो भी उपस्थित होंगे। इस अवसर पर पूरे देश से करीब 40 धर्माध्यक्ष हज़ारों पुरोहित
और धर्मसमाजी तथा धर्मबहनों के अलावा करीब 1 लाख लोगों के एकत्र होने का आशा है। देवसहायम
पिल्लई एक हिन्दु धर्मावलंबी थे जिन्होंने 18वीं शताब्दी में ख्रीस्तीय धर्म स्वीकार
किया था। विश्वास किया जाता है कि पिल्लई को अपने काथलिक विश्वास के कारण 18वीं सदी
में शहीद होना पड़ा। विदित हो कि भारत की पावन भूमि पर शहीद देवसहायम पिल्लई को लैटिन
काथलिक कलीसिया का प्रथम धर्मान्त्रित विवाहित लोकधर्मी शहीद होने का गौरव प्राप्त होगा।
शहीद देवसहायम पिल्लई ने सामाजिक समानता के लिये कार्य करते हुए अपनी शहादत प्राप्त
की। संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने विगत जून महीने में पिल्लई को उनके काथलिक विश्वास
के दिये उनकी शहादत के लिये उन्हें ‘वन्दनीय’ घोषित किया जो संत बनाये की प्रक्रिया का
दूसरी महत्वपूर्ण सीढ़ी है। धन्य बनाया जाना उनके संत बनाये के क्रम में तीसरा महत्वपूर्ण
चरण होगा। कार्डिनल अमातो ने अपने एक पत्र में लिखा था कि पिल्लई को धन्य बनाया जाना
भारत की कलीसिया के लिये एक महत्वपूर्ण पड़ाव होगा क्योंकि पिल्लई विश्वास के लिये शहीद
होने वाले प्रथम भारतीय होंगे। विदित हो कि पिल्लई को धन्य बनाये जाने की प्रक्रिया
सन् 1756 ईस्वी में उस समय शुरु हुई जब कोचिन के धर्माध्यक्ष क्लेमेंट जोसेफ ने वाटिकन
को इस संबंध में एक रिपोर्ट सौंपा था।