यहूदियों की प्राण रक्षा के लिए याद वाशेम द्वारा इताली कार्डिनल को सम्मान
येरूसालेम 28 नवम्बर 2012 (सीएनए) यहूदियों के नरसंहार की स्मृति में इस्राएल के आधिकारिक
याद वाशेम मेमोरियल ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान सैकड़ों यहूदियों की जान को नाजी
अत्याचार से बचाने के लिए इटली में फ्लोरेंस के महाधर्माध्यक्ष रहे कार्डिनल एलिया दल्ला
कोस्टा को " राइचस अमंग द नेशन्स " मेडल देने की घोषणा की है। 26 नवम्बर को याद वाशेम
द्वारा कहा गया कि व्यापक स्तर पर चलाये गये बचाव अभियान में कार्डिनल महोदय ने केन्द्रीय
भूमिका निभायी थी। 1943 में इटली पर जर्मनी का अधिकार होने के बाद नाजियों ने यहूदियों
को कैद कर निर्वासित करना शुरू किया था। फ्लोरेंस में यहूदी नेता रब्बी नाथान कस्सुतो
और यहूदी योद्धा रफायले कानतोनी ने यहूदियों के बचाव के लिए व्यापक प्रयास किया। कार्डिनल
दल्ला कोस्टा ने बचावकर्मियों में याजकों को भी शामिल किया तथा पत्र भेजकर मठों एवं कान्वेंटों
में यहूदियों को शरण देने को कहा। उन्होंने यहूदी शरणार्थियों को सुरक्षित स्थानों में
जाने से पहले अपने निवास स्थान में ही कुछ समय के लिए शरण दी। याद वाशेम द्वारा कहा गया
कि कार्डिनल उस नेटवर्क का अंग थे जिसने सैकड़ों स्थानीय यहूदियों की जान बचायी तथा इताली
नियंत्रणवाले क्षेत्र में रहनेवाले यहूदी शरणार्थियों की मदद की। 1943 में फ्रांस से
भागकर फ्लोरेंस आयी लया क्विट ने कार्डिनल महोदय से मिली सहायता के बारे में साक्ष्य
दिया. कार्डिनल एलिया दल्ला कोस्टा का सन 1961 को 89 वर्ष की आयु में निधन हो गया।
उन्हें दिया जानेवाला मेडल येरूसालेम स्थित याद वाशेम मेमोरियल में रखा जायेगा। याद
वाशेम मेमोरियल ने मानवीय मूल्यों की रक्षा के लिए प्रदर्शित अद्वितीय साहस को मान्यता
देने के लिए अबतक 24 हजार लोगों को मेडल देकर सम्मानित किया है। मेडल पानेवाले अन्य काथलिक
व्यक्ति हैं फादर कासिमीर विलनिस जिन्हें सन 2008 में सम्मानित किया गया था।