काठमाँण्डू नेपाल, 28 नवम्बर, 2012 (एशियान्यूज़) नेपाल में हुई जनगणना के अनुसार देश
में ईसाइयों की जनसंख्या में 1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 10 वर्ष पूर्व हुई जनगणना में
ईसाइयों की संख्या नेपाल की कुल आबादी 26 मिलयन का 0.4 प्रतिशत थी जो बढ़कर 1.4 हो गयी
है।
माओवादी प्रभावित सरकार ने हाल में जनगणना की रिपोर्ट प्रस्तुत की उसमें
हिन्दुओं की संख्या हिन्दुओं का प्रतिशत कुल जनसंख्या का 81 प्रतिशत है मुसलमानों की
संख्या 4.4 और बौद्धों की जनसंख्या 10.7 से घट कर 9 प्रतिशत हो गयी है।
नेपाल
के प्रधानमंत्री ने जनसंख्या संबंधी रिपोर्ट प्रकाशित करते हुए कहा कि कोई भी धर्म अपने
जनसंख्या के आधार पर सुविधाओं की माँग न करे। उन्होंने कहा कि उनका राष्ट्र धर्मनिर्पेक्ष
है इसलिये अल्पसंख्यक धर्मावलंबियों समानतापूर्वक सुविधायें दी जायेंगी।
उन्होंने
इस बात पर भी बल दिया कि सरकार महिलाओं और अल्पसंख्यकों पर विशेष ध्यान देगी क्योंकि
उन्हें वर्षों से सुविधाओं से वंचित रखा गया था।
विभिन्न दलों ने सर्वेक्षण संबंधी
अशुद्धियों के बारे में अपनी असंतुष्टि व्यक्त की है विशेष करके विभिन्न धर्मावलंबियों
की जनसंख्या के बारे में।
एक प्रोटेस्टंट सी.बी. गहतराज के अनुसार उनकी कुल संख्या
जनगणना की रिपोर्ट से अधिक होनी चाहिये।
उन्होंने बतलाया कि सेन्सस के समय कई
नये ख्रीस्तीयों ने भयवश अपने वास्तविक धर्म को नहीं बतलाया और इसलिये उन्हें हिन्दु
दिखलाया गया है। इसके साथ ऐसे लोग जनगणना के दरमियान उपस्थित नहीं थे उन्हें भी हिन्दुओं
के रूप में दिखलाया गया है।
उधर सेंट्रल ब्यूरो ऑफ़ स्टाटिस्टिक्स के निदेशक
उत्तम नरायरण मल्ला ने जनगणना में हुई किसी भी गड़बड़ी को अस्वीकार किया है। उन्होंने
कहा कि आँकड़े किताबों से प्राप्त किये गये हैं इसलिये यथार्थता पर उँगली उठाना अनुचित
है।
आँकड़ों में नेपाली प्रवासियों की संख्या में 10 वर्षों में भारी वृद्धि हुई
है। सन् 2001 में उनकी संख्या 7, 62 हज़ार थी जो बढ़कर 1.9 मिलियन हो गयी है।
जनसंख्या
में 14.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और 25 नये जातीय समूह को मान्यता प्रदान की गयी।