वाटिकन सिटी, 23 नवम्बर, 2012(वीआर, अंग्रेज़ी) संत पापा के विशेष दूत कार्डिनल रोबर्ट
साराह अपने लेबनान के विशेष मिशन के बाद वाटिकन लौट आये हैं।
परमधर्मपीठीय
परिषद् ‘कोर उनुम’ के अध्यक्ष कार्डिनल साराह ने कहा कि सीरिया में शरणार्थियों की स्थिति
गंभीर है और उन्हें न केवल जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने की ज़रूरत है पर
उन्हें मानव मर्यादा को पुनः प्राप्त करने के लिये मदद किये जाने की आवश्यकता है।
कार्डिनल
महोदय ने बतलाया कि उत्तर सूडान के युसुफ बतिल शरणार्थी कैंप में 35 हज़ार लोगों को जगह
दी गयी है और ‘काफोड’ नामक संस्था द्वारा उन्हें मदद पहुँचायी जा रही है।
उन्होंने
बतलाया कि शरणार्थी की स्थिति दयनीय है पर उन्हें मदद दिया जा रहा है ताकि वे अपनी मदद
खुद करने कर सकें।
कार्डिनल ने बतलाया कि शिविरों में जीवन कठिन है और आम सामाजिक
जीवन जीने के मार्ग में अनेक बाधायें हैं फिर भी लोग एक नयी आशा के साथ जीने का प्रयास
कर रहे हैं।
‘काफोड’ की सामाजिक कार्यकर्ता महोनी ने बतलाया उनकी संस्था लोगों
को कृषि कार्यों से लेकर अन्य व्यावसायिक प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध करा रही है ताकि
वे अपने पैरों पर खड़े हो सकें।
काफोड का दूसरी प्राथमिकता है कि लोग बीमारी
से बचे रहें पूरा वातावरण स्वच्छ रहे ताकि लोगों को किसी भी प्रकार के रोगों से बचाया
जा सके।
विश्लेषकों का मानना है कि दिसंबर महीने में शरणार्थियों की संख्या 15
से 30 हज़ार तक होगी पर अगले साल यह बढ़कर 90 हज़ार होने की सम्भावना है।