वाटिकन सिटी 22 नवम्बर 2012 (सेदोक, वीआर वर्ल्ड) संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने संस्कृति
संबंधी परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष कार्डिनल ज्यांफ्रांको रवासी को समिति की 17 वीं
पूर्णकालिक सभा के अवसर पर एक संदेश भेजा। यह वाटिकन स्थित संत पापा पियुस दसवें प्रासाद
के ग्रेट हाल में बुधवार अपराह्न सम्पन्न हुई।
संत पापा ने अपने संदेश में हाल
ही में स्वप्रेरणा से दिये गये संदेश के उद्धरण का स्मरण किया कि कलाकार, कलीसिया के
समान ही विश्वास के सौंदर्य का साक्षी है। उन्होंने कहा कि विश्वास का सौंदर्य कलात्मक
सौंदर्य की रचना करने के लिए कभी भी बाधक नहीं बन सकता है क्योंकि यह किसी न किसी तरह
से इसका जीवनरक्त तथा चरम क्षितिज है। सच्चा कलाकार विश्व की सुंदरता का रक्षक है तथा
उसके अनूठे सौंदर्यबोध तथा अंतः प्रेरणा के लिए हम कृतज्ञ हैं कि वह विश्वास के सौंदर्य
को अन्यों की अपेक्षा गहराई से पहचान और स्वीकार कर दूसरों के लिए अभिव्यक्त करता है।
कलाकार अपने मौलिक और विशिष्ट सहयोग द्वारा कलीसिया के मिशन और बुलाहट में सहभागी हो
सकता है। विशेष कर तब जब कला के विभिन्न रूपों में और विश्वास तथा आराधना के अनुभवों
एवं कलीसिया की पूजनधर्मविधि से जुडें कामों को करने के लिए उन्हें बुलाया जाता है।
संत
पापा ने अपने संदेश का समापन करते हुए कलाकारों को आमंत्रित किया कि विश्वास वर्ष के
आरम्भ में यह सुनिश्चित करें कि अपनी कला कैरियर को पूर्ण बनने की यात्रा के रूप में
देखें जिसमें मानव जीवन के सभी आयाम संलग्न हैं ताकि येसु ख्रीस्त जो मानवजाति के इतिहास
को आलोकित करनेवाले ईश्वर की महिमा की छवि हैं, उनमें विश्वास के सौंदर्य के प्रभावी
साक्षी बनें।