वाटिकन सिटी 20 नवम्बर 2012 (जेनिथ) जलपोतों में काम करनेवालों के लिए समुद्र प्रेरिताई
पर 23 वाँ विश्व सम्मेलन वाटिकन के सिनड सभागार में सम्पन्न हो रहा है जिसमें नवीन सुसमाचार
चिंतनों का मुख्य विषय है। 19 से 23 नवम्बर तक सम्पन्न हो रहा यह सम्मेलन 30 वर्ष की
अवधि में रोम में पहली बार आयोजित किया गया है। पिछली बार यह 1982 में आयोजित किया गया
था।
संत पापा पियुस ग्यारहवें द्वारा 17 अगस्त 1922 को समुद्र प्रेरिताई की पहली
संविधान पर हस्ताक्षर किये जाने के 90 वर्ष के बाद यह सम्मेलन सम्पन्न हो रहा है। जलपोतों
में काम करनेवालों और उनके परिवारों के लिए मेषपालीय प्रेरिताई करनेवालों को निमंत्रण
देते हुए प्रवासी और यायावरों की मेषपालीय सेवा संबंधी परमधर्मपीठीय समिति ने कहा कि
यह सम्मेलन चिंतन, प्रार्थना और शेयरिंग के लिए अवसर देगा ताकि इस प्रेरिताई की वर्तमान
स्थिति की जाँच की जा सके एवं नवीकृत उत्साह के साथ समसामयिक लोगों के मध्य सुसमाचार
की अभिव्यक्ति और प्रचार के लिए नये तरीकों का खाका खींचा जा सके।
इस सम्मेलन
में 70 देशों के लगभग 400 प्रतिभागियों को उदघाटन सत्र में सम्बोधित करते हुए प्रवासियों
के लिए मेषपालीय प्रेरिताई संबंधी परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष कार्डिनल अंतोनियो मारिया
वेलियो ने कहा कि विश्व के विभिन्न बंदरगाहों में समुद्र प्रेरिताई केन्दों में कार्यरत
चैपलिन और स्वयंसेवक उन सब लोगों के लिए प्रकाश पुँज हैं जो कई सप्ताहों तक समुद्र में
यात्रा किये हैं और उनके साथ दूसरा कोई नहीं होता।