2012-11-16 15:42:02

विश्व युवा दिवस 2013 के लिए संत पापा के संदेश की प्रकाशना


वाटिकन सिटी 16 नवम्बर 2012 (सेदोक, वीआर वर्ल्ड) सन 2013 में ब्राजील के रियो डि जनेरो में मनाये जानेवाले विश्व युवा दिवस समारोह के लिए संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें के संदेश की प्रकाशना शुक्रवार 16 नवम्बर को की गयी। उनके संदेश का शीर्ष वाक्य है- जाओ और सब राष्ट्रों को शिष्य बनाओ।

संत पापा ने आठ भाग में लिखे गये संदेश में युवाओं के लिए पितातुल्य परामर्श देते हुए उनका उत्साह बढाया है जो इस महान समारोह में भाग लेने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने युवाओं को विश्वास के वर्ष में ख्रीस्त के शिष्य बनने का आह्वान किया है।

संत पापा ने अपने संदेश के आरम्म में युवाओं को प्रिय युवा मित्रो कहते हुए रियो डि जनेरो स्थित विश्वप्रसिद्ध मुक्तिदाता येसु ख्रीस्त की प्रतिमा का स्मरण करते हुए कहा है कि खुली बाँहों वाली येसु की मूर्ति उनके पास जो भी आते हैं उन्हें अपने अलिंगन में लेने की इच्छा का प्रतीक है। संत पापा ने युवाओं से कहा है कि वे उत्साहपूर्वक बेहतर विश्व बनायें, ऐसा विश्व जिसने अनेक तकनीकि प्रगति देखा है लेकिन साथ ही ऐसा विश्व बनायें जिसकी बुनियाद भौतिकतावाद पर नहीं लेकिन ईश्वर के प्रेम पर डाली गयी है।

संत पापा ने युवा ईसाईयों से सुसमाचार प्रचार के मिशनरी बनने तथा विश्वास का प्रसार करने के लिए ईश्वर प्रदत्त दक्षताओं और क्षमताओं का उपयोग करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि प्रार्थना तथा कलीसियाई संस्कार इस कार्य की नींव हैं।

संत पापा ने .युवाओं के लिए प्रोत्साहन के शब्द कहते हुए उनकी समस्याओं के प्रति समझ को प्रदर्शित करते हुए कहा है कि वे अपनी दुनिया और अपनी समस्याओं तथा आदतों में बंद रहने की प्रवृत्ति पर प्रेम को विजय पाने दें। स्वयं के दायरे से बाहर निकलें तथा अन्यों के पास जायों और ईश्वर के साथ होनेवाले साक्षात्कार का साक्ष्य दूसरों के सामने रखें।

नयी मीडिया तथा संवाद संचार के लिए नये सम्प्रेषण साधनों और तकनीकियों के प्रति युवाओं के झुकाव को देखते हुए संत पापा ने युवाओं का ध्यान इस तथ्य की ओर आकर्षित किया है कि वे सुसमाचार प्रचार के लिए नवीन संचार तकनीकियो और साधनों का विवेकसम्मत उपयोग करें।




संत पापा ने बल दिया है कि कलीसिया का भविष्य युवा हैं। उन्होने कहा कि युवा पुरोहित, धर्मसमाजी तथा लोकधर्मियों बहुमूल्य हैं। उन्होंने कहा कि सुसमाचार प्रचार के महान भित्तिचित्र में प्रत्येक जन अनमोल अंग है।

संत पापा ने अपने संदेश के अंत में रियो डी जनेरो स्थित मुक्तिदाता ख्रीस्त की विश्वप्रसिद्ध विशाल मूर्ति पर ध्यान केन्द्रित करते हुए कहा है यह चिह्न है येसु ख्रीस्त के प्यार भरे दिल को जो हर व्यक्ति के लिए खुला है।

संत पापा ने सब युवा ईसाईयों से विशेष रूप से लातिनी अमरीका के युवाओं का आह्वान किया है कि वे ख्रीस्त के प्रेम के साक्षी बनें तथा संत फ्रांसिस जेवियर और अन्य संतों जैसे कलीसिया के महान मिशनरियों के पदचिह्नों पर चलते हुए नयी पीढ़ी बनें।








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