2012-11-16 15:43:44

काथलिक चिकित्सा विशेषज्ञों का सुसमाचार प्रचार पर चिंतन


वाटिकन सिटी 16 नवम्बर 2012 (सेदोक, वीआर अंग्रेजी) काथलिक चिकित्सा प्रेरिताई से जुड़े विशेषज्ञ सुसमाचार प्रचार पर विचार विमर्श कर रहे हैं। वाटिकन सिटी स्थित सिनड सभागार में काथलिक चिकित्सा विशेषज्ञों का 27 वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन The Hospital, Setting for Evangelisation: a Human and Spiritual Mission शीर्षक के तहत 15 से 17 नवम्बर तक सम्पन्न हो रहा है।

चिकित्सा प्रेरिताई संबंधी परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष जिमोवस्की ने सम्मेलन के प्रतिभागियों को गुरूवार को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह सम्मेलन चिकित्सा जगत के ईशशास्त्रीय और मानवशास्त्रीय पहलूओं, बीमारियों तथा अस्पताल और अस्पताल के अंदर जीवन की विशेषताओं पर ध्यान केन्द्रित रहेगा जो मानवता का मंदिर तथा लोगों का मिलन स्थल है।

सम्मेलन के उदघाटन सत्र के पूर्व उदघाटन ख्रीस्तयाग की अध्यक्षता वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल तारचिसियो बेरतोने ने की। उन्होंने कहा ऐसा प्रतीत होता है कि ईश्वर के सम्पूर्ण कार्य का लक्ष्य मानवजाति को मुक्ति तथा मर्यादापूर्ण जीवन देना है, विशेष रूप से उन्हें जो विभिन्न प्रकार की कमियों का बोझ ढो रहे हैं।

उन्होंने दिवस के पूजनधर्मविधि पाठ पर चिंतन प्रस्तुत करते हुए कहा कि ईश्वर के राज्य की खोज करने के लिए कहीं और या असाधारण घटना के घटने की प्रतीक्षा करने की जरूरत नहीं है लेकिन यह यहीं है, मानव समुदाय के मध्य में ही है। इसलिए हमें अपने दृष्टिकोण को बदलने, प्रभु की उपस्थिति और काम को पहचानने के लिए अपने नजरिये के क्षितिज को विस्तार देने एवं प्रभु के साथ सक्रिय रूप से सहयोग करने की जरूरत है। ईश्वर मानव के दिल और मन तथा विश्व में क्रियाशील हैं तथा हम बहुधा उन्हें वहां पाते हैं जहाँ उन्हें पाने की सबसे कम उम्मीद होती है।

संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें के कथनों को उद्धृत करते हुए उन्होंने कहा कि अस्पताल और सामान्य तौर पर चिकित्सा सेवा जहाँ हम शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक पीड़ा सह रहे लोगों का स्वागत और सेवा सुश्रुषा करते हैं वे ईश्वरीय राज्य की घोषणा करने के स्थान बन जाते हैं। पीड़ा, वस्तुतः मानवीय अस्तित्व के आयाम रूप में आशा करने के लिए सीखने और अभ्यास करने का स्थान है।

कार्डिनल बेरतोने ने चिकित्सा सेवा में सुधार के लिए शोध की जरूरत पर भी जोर दिया साथ ही मानव को शोध का साधन या माध्यम रूप के रूप में उपयोग किये जाने पर भी सावधान किया मानो वह मर्यादाविहीन वस्तु है। उन्होंने कहा कि दवा मानव के लिए है तथा इसके लिए नैतिक अभिगम की जरूरत है।

संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें के विश्व पत्र देऊस कारितास एस्त के कथनों को उद्धृत करते हुए कार्डिनल बेरतोने ने कहा कि सबसे अधिक न्यायसंगत समाज में भी प्रेम की जरूरत रहेगी।। प्रेम की सेवा का उन्मूलन कदापि नहीं किया जा सकेगा। पीड़ा हमेशा रहती है जो सांत्वना और सहायता के लिए पुकार लगाती है। अकेलापन और भौतिक जरूरतों को पूरा करने की परिस्थितियाँ सदैव रहेंगी जहाँ पड़ोसी के लिए प्रेम को ठोस रूप में दर्शाने के लिए सहायता करना अपरिहार्य होगा।








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