वाटिकन सिटी, 12 नवम्बर, 2012 (वीआर,अंग्रेज़ी) वाटिकन प्रवक्ता जेस्विट फादर फेदेरिको
लोमबारदी ने कहा है कि चर्च विवाह की रक्षा दृढ़ता से करेगी। वाटिकन प्रवक्ता ने
उक्त बात उस समय कही जब उन्होंने वाटिकन टेलेविज़न के साप्ताहिक कार्यक्रम ‘ऑक्तावा दियेस’
में तीन यूरोपीय देशों में विवाह संबंधी विधेयक लाये जाने से उत्पन्न स्थिति पर अपने
विचार व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि हाल में विवाह संबंधित तीन घटनायें चिंताजनक
हैं। स्पेन में संवैधानिक अदालत ने उस अपील को अस्वीकार कर दिया जिसमें विवाह में नर-नारी
के अन्तर को अस्वीकार किया गया था और नर-नारी के स्थान पर ‘अ’ और ‘ब’ कह कर संबोधित किया
गया था। प्रवक्ता ने कहा कि फ्रांस की सरकार ने विवाह में सुधार के लिये एक विधेयक
प्रस्तुत किया है जिसके अनुसार समलिंगी विवाह को स्वीकार किया जायेगा। उधर अमेरिका में
एक मतसंग्रह हुआ जिसका परिणाम समलिंगी विवाह के पक्ष में गया है। फादर लोमबारदी
ने कहा कि ये घटनायें इस बात को स्पष्ट करती हैं कि पश्चिमी देशों में विवाह के संबंध
में लोगों की धारणायें बदल गयी हैं और उनमें विवाह संबंधी परंपरागत मान्यता को बदलने
का झुकाव है। ये बाते नयी नहीं है फिर भी आज हमें यह प्रश्न करना चाहिये कि क्या
दुनिया के लोगो की यह आम भावना है और क्या इस प्रकार की व्यवस्था से आम आदमी का कल्याण
होगा? प्रवक्ता ने कहा कि यह बात सिर्फ़ काथलिक कलीसिया नहीं कह रही है पर फ्रांस
के रब्बी ने भी कहा कि समलिंगी लोगों पर हो रहे भेद-भाव के समाधान के कुछ अलग तरीके हो
सकते हैं समलिंगी विवाह की मान्यता से केवल नहीं। फादर लोमबारदी ने कहा कि मानव और
एक नर का एक नारी से विवाह होना और इसकी सामाजिक मान्यता मानव सभ्यता की एक उपलब्धि रही
है और इससे मानव का कल्याण हुआ है इसलिये कलीसिया नर-नारी के विवाह प्रमुख स्थान देती
है और वह इस व्यवस्था की रक्षा दृढ़ता से करना जारी रखेगी।