बंगलोर, 9 नवम्बर, 2012 (कैथन्यूज़) भारतीय पुरोहितों के लिये स्थापित स्वयंसेवी संगठन
‘कैथोलिक प्रिस्ट्स कोन्फेरेन्स ऑफ इंडिया’ (सीपीसीआई) ने कहा है कि निर्धनों और जरूरतमंदों
के अधिकारों की रक्षा के लिये ‘सकारात्मक राजनीतिक सक्रियता’ ज़रूरी है। सभा को संबोधित
करते हुए जेस्विट फादर अम्ब्रोस पिन्टो ने कहा कि येसु के शिष्य रूप में ‘हम स्वभाविक
रूप से राजनीतिक हैं’। उन्होंने कहा कि ग़रीबों और ज़रूरतमंदों के सशक्तिकरण के लिये
यह ज़रूरी है हम राजनीति में हिस्सा लें, न कि ‘यथावत स्थिति बनाये रखने के लिये पक्षपातपूर्ण
कलह में प्रवेश करें’। ज्ञात हो सीपीसीआई की स्थापना की 25 वर्षीय जुबिली के लिये
6 से 8 नवम्बर तक बंगलोर में एक सभा का आयोजन किया गया था जिसकी विषयवस्तु थी "नये युग
के लिये साहसिक पुरोहिताई" ("प्रोफेटिक प्रिस्टहुड टुवर्डस अ न्यू वर्ल्ड") यह भी
मालूम हो कि सीपीसीआई की स्थापना सन् 1987 ईस्वी में की गयी थी और तब से प्रत्येक वर्ष
इस संगठन ने विभिन्न मुद्दों पर सेमिनार का आयोजन किया है ताकि पुरोहितों का जीवन अर्थपूर्ण
और प्रभावपूर्ण हो। संघ ने ऐसे धर्मप्रांतीय पुरोहितों को पुरस्कृत भी किया है जिन्होंने
सुसमाचार प्रचार और समाज के विकास में नये और रचनात्मक तरीके से अपना विशेष योगदान दिया
है। सभा में उपस्थिति बंगलोर के महाधर्माध्यक्ष बेरनार्ड मोरास ने कहा कि सीपीसीआई
की सिल्वर जुबिली समारोह के अवसर पर वे उनके कार्यो की सराहना करते हैं और उन्हें प्रोत्साहन
देते हैं कि वे पुरोहितों की राष्ट्रीय समिति के साथ मिल कर कार्य करें ताकि उनके प्रयासों
के फल आम लोगों तक पहुँच पायेगा।