मृत्यु की ताकत आपसी प्रेम और एकता को नहीं रोक सकती
वाटिकन सिटी, 3 नवम्बर, 2012 (सेदोक, वीआर) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने शनिवार 3 नवम्बर
को संत पेत्रुस महागिरजाघर में मृत कार्डिनलों के सम्मान में सम्पन्न यूखरिस्तीय बलिदान
में प्रवचन देते हुए कहा, "कब्रस्थान एक ऐसी जगह है जहाँ जीवित और मृत एक साथ मिलते हैं
और इस रहस्य को समझते हैं कि मृत्यु की ताकत, आपसी प्रेम और एकता रोक नहीं सकती।"
संत
पापा ने कहा कि समय बदल गया है पर मृत्यु वैसी ही है। मृत्यु को हम ख्रीस्तीय तरीके से
समझने का प्रयास करते और आशन्वित होते हैं। यह आशा येसु मसीह की मृत्यु और पुनरुत्थान
पर आधारित है।
हमारा विश्वास हमें इस बात की शिक्षा देता है कि जिस अनन्त जीवन
की हम कल्पना करते हैं वह एक सपना मात्र नहीं है। जीवन्त ईश्वर के साथ एक ऐसा संबंध
है जिसके द्वरा हम उनके प्रेम में एक होकर उन विश्वासियों के साथ एक हो जाते हैं जिनकी
उन्होंने सृष्टि की और मुक्ति प्रदान की।
ख्रीस्तीय आशा ईशप्रेम पर आधारित है
जो येसु के क्रूस पर चमकता है और येसु के उन अंतिम बातों से स्पष्ट होता है जिसे उन्होंने
भले डाकू से कहा था। उन्होंने कहा था कि ‘तुम आज ही मेरे साथ स्वर्ग में विराजमान होगे’।
संत
पापा ने यूखरिस्तीय बलिदान में उन कार्डिनलों की विशेष याद की जिनकी मृत्यु पिछले वर्ष
हो गयी। कार्डिनल जोन पैट्रिक फोले, अन्तोनी बेविलाक्वा होसे साँचेज़, इग्नस मौस्सा दाउद,
लुईस अपोन्ते मर्तिनेज़, रुडोल्फो क्वेज़दा तूरोनो, यूजेनियो दे अराउजो सेल्स. पौल शान
कूओसी, फोरतुनातो बलदेली और जेस्विट कार्डिनल कारलो मरिया मरतीनी की मृत्यु पिछले साल
हो गयी थी।
संत पापा ने कार्डिनलों द्वारा किये गये कार्यों की सराहना की और
कहा कि कार्डिनलों ने ईश्वर के राज्य की स्थापना के लिये पूरे समर्पण के साथ अपना जीवन
दे दिया।
हम प्रार्थना करें कि हम उनके उदाहरणों के अनुसार आशा के साथ चलते हुए
पिता ईश्वर के प्रास पहुँचे और स्वर्ग राज्य के अधिकारी बनें।