बैंगलोरः काथलिक धर्मबहन कला के जीवनकालिक उपलब्धि पुरस्कार से सम्मानित
बैंगलोर, 31 अक्टूबर सन् 2012 (ऊका समाचार): बैंगलोर की काथलिक धर्मबहन 75 वर्षीया सि.
क्लेयर को उनकी धार्मिक कलाकृतियों के लिये जीवनकालिक उपलब्धि पुरस्कार से सम्मानित किया
गया है। निष्कलंक माँ को समर्पित धर्मसंघ की धर्मबहन सि. क्लेयर ने 30 अक्टूबर को,
बैंगलोर में आयोजित एक समारोह में, कर्नाटक विधान सभा के अध्यक्ष श्री निवास मूर्ति से
असीसी कला पुरस्कार सन् 2012 ग्रहण किया। इस समारोह में वरिष्ठ कलीसियाई एवं सरकारी
अधिकारियों सहित लगभग 1000 धर्मबहनें, पुरोहित एवं लोकधर्मी शरीक हुए। पुरस्कार के
तहत एक सम्मान पत्रक एवं 50,000 रुपये सि. लेयर को प्रदान किये गये। सन् 2012 में
भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने कला जगत में उपलब्धियों के लिये असीसी पुरस्कार
की स्थापना की थी। धर्माध्यक्षीय सम्मेलन की कला समिति के सचिव फादर पौल काट्टूकरण
ने समारोह में बताया कि सि. क्लेयर ने प्रभु ख्रीस्त के जीवन चरित तथा ख्रीस्तीय आदर्शों
पर आधारित कम से कम 1000 चित्रों एवं शुभकामना कार्ड्स में रंग भरा है। भारतीय ख्रीस्तीय
कला पर शोध प्रबन्ध लिखनेवाले जर्मन ईशशास्त्री गुडरुन लोनर ने कहा कि सि. क्लेयर के
रंग चित्र "स्फूर्ति एवं प्रेरणा" जागृत करनेवाले होते हैं। उनके अनुसार, भारत के लगभग
200 गिरजाघरों में सि. कलेयर के रंग चित्रों को देखा जा सकता है जो उनकी प्रार्थना एवं
चिन्तन के परिणाम हैं। बैंगलोर के महाधर्माध्यक्ष बर्नार्ड मोरस ने सि. क्लेयर की
कला कृतियों की भूरि भूरि प्रशंसा कर इन्हें ईश्वर के साथ सि. क्लेयर के वैयक्तिक अनुभव
एवं आध्यात्मिक अभिव्यक्तियाँ निरूपित किया। ग़ौरतलब है कि सि. क्लेयर द्वारा प्रभु
येसु मसीह के दुखभोग पर बनाये गये रंगचित्र ने सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें को विशेष रूप
से आकर्षित किया था जिन्होंने उनके बारे में कहा था कि वे "एक ख्रीस्तीय कलाकार हैं।"