काथोलिकोस बासिलियोस मार क्लेमिस के कार्डिनल मनोनयन पर हर्ष
केरल 25 अक्तूबर 2012 (ऊकान) सीरो-मलंकारा रीति की कलीसिया के प्रमुख महाधर्माध्यक्ष
काथोलिकोस बासिलियोस मार क्लेमिस कार्डिनल बनाये जायेंगे। उनके कार्डिनल मनोनयन पर विश्व
भर में फैली सीरो- मलंकारा रीति के लगभग 5 लाख विश्वासियों में खुशी की लहर है। 53 वर्षीय
कार्डिनल मनोनीत महाधर्माध्यक्ष क्लेंमिंस सीरो मलंकारा रीति की कलीसिया के पहले कार्डिनल
हैं। कार्डिनल मनोनयन की घोषणा केरल के पातोम स्थित संत मेरी महागिरजाघर में थिरूवल्ला
के महाधर्माध्यक्ष थोमस मार कूरीलोस द्वारा बुधवार को की गयी। उन्होंने कहा कि हमारी
कलीसिया के लिए यह ऐतिहासिक क्षण तथा महान गौरव है। इस महान उपहार के लिए हम ईश्वर को
धन्यवाद देते हैं। उन्होंने कहा कि विश्वासियों ने प्रार्थना अर्पित कर तथा गिरजाघरों
की घंटियाँ बजाकर तथा आतिशबाजी कर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की। तिरूवनन्तापुरम के सहायक
धर्माध्यक्ष सामुएल मार इरेनियोस ने कहा कि यह सम्मान हमें और बेहतर करने के लिए प्रेरणा
प्रदान करेगा। कार्डिनल मनोनीत काथलिक कलीसिया के दो हजार वर्ष के इतिहास में केरल से
कार्डिनल बननेवाले पाँचवें व्यक्ति हैं। राज्य के मुख्यमंत्री ओमान चंडी ने रोम में
कार्डिनल मनोनीत क्लेमिंस को फोन पर बधाई देते हुए कहा कि उनकी मनोनयन न केवल केरल राज्य
लेकिन पूरे भारत के लिए सम्मान है। ऊकान समाचार सेवा से उन्होंने कहा कि वे काथिलिकोस
क्लेमिस को निजी रूप से जानते हैं जो विजन और एक्शन वाले व्यक्ति हैं। वे हमेशा शांति
और सामाजिक सौहार्द का पक्ष लेते रहे हैं। कार्डिनल मनोनीत प्रमुख महाधर्माध्यक्ष
क्लेमिस का जन्म केरल के पथानामथिटा में 15 जून 1959 को हुआ। वे 1986 में पुरोहित अभिषिक्त
हुए तथा बाथेरी धर्मप्रांत के एक पल्ली में अनेक वर्षों तक सेवारत रहे। इसके बाद उन्होंने
वाटिकन के पोंटिफिकल सेमिनरी से डोक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। संत पापा जोन पौल द्वितीय
ने उन्हें सन 2001 में उत्तरी अमेरिका के प्रेरितिक निरीक्षक या अपोस्तोलिक विजिटर तथा
तिरूवन्नतापुरम महाधर्मप्रांत का सहायक धर्माध्यक्ष नियुक्त किया।