2012-10-23 12:21:54

तईपेईः तायवान एवं परमधर्मपीठ ने 70 वीं वर्षगाँठ मनाई


तेईपेई, 23 अक्टूबर सन् 2012 (ऊका समाचार): तायवान तथा परमधर्मपीठ ने शनिवार को अपने बीच विद्यमान सम्बन्धों की 70 वीं वर्षगाँठ मनाई।
तेईपेई के मरियम महागिरजाघर में परमधर्मपीठ के प्रतिनिधि महाधर्माध्यक्ष पौल रसल ने 30 पुरोहितों एवं दो सरकारी उच्चाधिकारियों सहित लगभग 300 मेहमानों को सम्बोधित कर कहा कि चीन गणतंत्र तथा वाटिकन के बीच प्रायः सम्बन्ध कठिन रहे हैं।
उन्होंने कहा, "ये चुनौतियाँ चीन गणतंत्र अथवा वाटिकन की प्रकृति का परिणाम नहीं हैं बल्कि बाहरी शक्तियों से उत्पन्न हुई हैं।"
ग़ौरतलब है कि वाटिकन यूरोप का अकेला देश है जिसके तायवान के साथ कूटनैतिक सम्बन्ध हैं जो बैजिंग की साम्यवादी सरकार को पसन्द नहीं है।
चीन तायवान को अन्तरराष्ट्रीय मंच से बाहर करने का प्रयास करता रहा है क्योंकि उसका मानना है कि तायवान द्वीप चीन का ही एक हिस्सा है जिसे चीन की साम्यवादी सरकार के अधीन होना चाहिये। सन् 1949 ई. में तायवान चीन से अलग हो गया था।








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