मलाला का इलाज़ ब्रिटेन में, लाहौर में ईसाइयों ने प्रार्थना की
इस्लमाबाद, 15 अक्तूबर, 2012 (एशियान्यूज़) पाकिस्तानी फ़ौज ने एक बयान में कहा है कि
स्वात में तालिबान हमले में ज़ख़्मी हुई मलाला यूसुफ़ज़ई को इलाज के लिए ब्रिटेन भेज
दिया गया है। सरकारी टेलीविजन चैनल पीटीवी के मुताबिक़ चिकित्सकों के एक बोर्ड ने
मलाला को ब्रिटेन भेजने का फ़ैसला सोमवार सुबह को हुई एक बैठक में लिया। उनके साथ विमान
में चिकित्सकों का एक दल भी ब्रिटेन गया। विदित हो तालिबानों के जानलेवा हमले के
बाद नारियों की शिक्षा के लिये आवाज़ उठाने वाली 14 वर्षीय मलाला मलाला को हवाई एंबुलेंस
के ज़रिए रवाना किया गया है। उनका इलाज अबतक रावलपिंडी के एक अस्पताल में चल रहा था। पीटीवी
के अनुसार फ़ौज के बयान में कहा गया है कि मलाला के इलाज़ का तमाम ख़र्च पाकिस्तान की
सरकार देगी। महिलाओं पर तालिबान के आदेशों का मलाला हमेशा विरोध करती रही थीं। मलाना
ने तालिबान शासन में अत्याचारों की बात कही थी जो तालिबान को पसंद नहीं आई थी। पुलिस
ने इस मामले में कुछ लोगों को गिरफ़्तार भी किया है पर तालिबान ने कहा है कि वो मलाला
को फिर से निशाना बनाएंगे। ख़बरों के मुताबिक़ मलाला के कपाल में जो हड्डियां टूट
गई हैं उन्हें ठीक किया जाएगा। साथ ही उन्हें तंत्रिका संबंधी इलाज की भी ज़रूरत पड़ेगी। ब्रिटेन
के विदेश मंत्री विलियम हेग ने कहा है कि मलाला और उनके दोस्तों पर किए गए हमले ने पाकिस्तान
और पूरी दुनियां को चौंका दिया है। उन्होंने कहा कि मलाला की बहादुरी क़ाबिले तारीफ़
है। उन्होंने कहा कि मलाला का इलाज राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा के भीतर चलने वाले अस्पताल
में किया जाएगा। लाहौर के महागिरजाघर में मलाला के स्वास्थ्य लाभ के लिये दी मोमबत्ती
के साथ सांध्य प्रार्थना सभा का आयोजन किया और इस्लमाबाद के धर्माध्यक्ष ने मलाला की
हत्या के प्रयास को कायरतापूर्ण कहा। मलाला उस समय सुर्खियों में आयी जब उसने सन्
2009 में बीबीसी के उर्दु विभाग में ब्लॉग लिखे और पाकिस्तानी इस्लामी कट्टरपंथियों के
उस विचार का विरोध किया जिसमें उन्होंने नारी शिक्षा का विरोध किया था।